उत्तराखंड का पहला हिमालयन कल्चरल सेंटर, जानें क्या है खासियत

उत्तराखंड के देहरादून में एक अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर बनकर तैयार है। इसे राज्य की पहाड़ी संस्कृति को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है।

उत्तराखंड के देहरादून में एक अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर बनकर तैयार है। इसे राज्य की पहाड़ी संस्कृति को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है। अब प्रदेशवासियों को बेसब्री से केवल इसके फीता कटने का इंतजार है। दरअसल, ये कल्चरल सेंटर कोई आम सभागार नहीं है बल्कि उत्तराखंड का पहला ऐसा कल्चरल सेंटर है जो तमाम सुविधाओं से लैस होगा। आइए अब विस्तार से जानते हैं इस कल्चरल सेंटर की खासियत…

ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट और रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम से लैस

यह कल्चरल सेंटर देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र में तैयार किया गया है जो कि ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट और रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम पर आधारित है। इसमें 300 से अधिक गाड़ियों की पाार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहीं भवन में चार म्यूजियम हॉल, दो एग्जीबिशन गैलरी, मीटिंग हॉल, लाइब्रेरी और चार एलीवेटर भी लगाए गए हैं। हिमालयन कल्चरल सेंटर, डिजिटल ध्वनि प्रणाली और अत्याधुनिक ध्वनि प्रणाली से लैस है। इसके अलावा कल्चरल सेंटर में स्वचालित फायर अलार्म और फायर फाइटिंग सिस्टम जैसे सुरक्षा प्रावधान भी किए गए हैं।

राज्य के संस्कृति विभाग की बड़ी परियोजना

यह राज्य के संस्कृति विभाग की एक बड़ी परियोजना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर में 2,518 वर्गमीटर क्षेत्र पर अत्याधुनिक 825 सीटर और विशेष रूप से दिव्यांग लोगों के लिए सुविधायुक्त सभागार भवन का निर्माण किया गया है। शुरुआत में सभागार भवन 1,000 सीटों की क्षमता वाला बनाने की योजना बनाई गई थी, हालांकि कुछ तकनीकी अड़चनों के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया और सभागार में बैठने की क्षमता 825 ही रखी गई।

67 करोड़ रुपए रुपए की लागत से हुआ तैयार

यह संस्कृति केंद्र कुल 12,203 वर्ग मीटर के क्षेत्र में विकसित किया गया है जिसमें राज्य स्तरीय संग्रहालय भवन भी तैयार किया गया है। इस पूरे सेंटर को 67 करोड़ रुपए रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसमें सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशन की भी सुविधा प्रदान की गई है। दिखने में बेहद खूबसूरत यह कल्चरल सेंटर आने वाले दिनों में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां मौजूद संग्रहालय में आकर लोग एक ही स्थान पर उत्तराखंड की संस्कृति का दीदार कर सकेंगे।

विभिन्न प्रदर्शनियों का ले पाएंगे आनंद

इसके साथ ही प्रदेश के लोक कलाकारों के लिए भी यह हिमालयन कल्चरल सेंटर एक बेहतर मंच का काम करेगा। कल्चरल सेंटर बहुत जल्द ही उत्तराखंड के लोगो के लिए खोला जाएगा जहा पर वे अत्याधुनिक ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा एक्सीबिशन गैलरी मे विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनियों का लुत्फ उठा सकेंगे।

संस्कृति को विश्व पटल पर मिलेगी पहचान

इस कल्चरल सेंटर के जरिए राज्य की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने और उसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के साथ केंद्र और राज्य सरकार एकजुट होकर कार्य कर रही है। केवल इतना ही नहीं हिमालयन कल्चरल सेंटर की मदद से अब प्रदेश की लोक संस्कृति के साथ-साथ लोक कलाकारों को भी बेहतर और अलग पहचान मिलेगी।

उत्तराखंड के देहरादून में एक अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर बनकर तैयार है। इसे राज्य की पहाड़ी संस्कृति को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है। अब प्रदेशवासियों को बेसब्री से केवल इसके फीता कटने का इंतजार है। दरअसल, ये कल्चरल सेंटर कोई आम सभागार नहीं है बल्कि उत्तराखंड का पहला ऐसा कल्चरल सेंटर है जो तमाम सुविधाओं से लैस होगा। आइए अब विस्तार से जानते हैं इस कल्चरल सेंटर की खासियत…

ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट और रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम से लैस

यह कल्चरल सेंटर देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र में तैयार किया गया है जो कि ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट और रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम पर आधारित है। इसमें 300 से अधिक गाड़ियों की पाार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहीं भवन में चार म्यूजियम हॉल, दो एग्जीबिशन गैलरी, मीटिंग हॉल, लाइब्रेरी और चार एलीवेटर भी लगाए गए हैं। हिमालयन कल्चरल सेंटर, डिजिटल ध्वनि प्रणाली और अत्याधुनिक ध्वनि प्रणाली से लैस है। इसके अलावा कल्चरल सेंटर में स्वचालित फायर अलार्म और फायर फाइटिंग सिस्टम जैसे सुरक्षा प्रावधान भी किए गए हैं।

राज्य के संस्कृति विभाग की बड़ी परियोजना

यह राज्य के संस्कृति विभाग की एक बड़ी परियोजना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर में 2,518 वर्गमीटर क्षेत्र पर अत्याधुनिक 825 सीटर और विशेष रूप से दिव्यांग लोगों के लिए सुविधायुक्त सभागार भवन का निर्माण किया गया है। शुरुआत में सभागार भवन 1,000 सीटों की क्षमता वाला बनाने की योजना बनाई गई थी, हालांकि कुछ तकनीकी अड़चनों के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया और सभागार में बैठने की क्षमता 825 ही रखी गई।

67 करोड़ रुपए रुपए की लागत से हुआ तैयार

यह संस्कृति केंद्र कुल 12,203 वर्ग मीटर के क्षेत्र में विकसित किया गया है जिसमें राज्य स्तरीय संग्रहालय भवन भी तैयार किया गया है। इस पूरे सेंटर को 67 करोड़ रुपए रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसमें सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशन की भी सुविधा प्रदान की गई है। दिखने में बेहद खूबसूरत यह कल्चरल सेंटर आने वाले दिनों में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां मौजूद संग्रहालय में आकर लोग एक ही स्थान पर उत्तराखंड की संस्कृति का दीदार कर सकेंगे।

विभिन्न प्रदर्शनियों का ले पाएंगे आनंद

इसके साथ ही प्रदेश के लोक कलाकारों के लिए भी यह हिमालयन कल्चरल सेंटर एक बेहतर मंच का काम करेगा। कल्चरल सेंटर बहुत जल्द ही उत्तराखंड के लोगो के लिए खोला जाएगा जहा पर वे अत्याधुनिक ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा एक्सीबिशन गैलरी मे विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनियों का लुत्फ उठा सकेंगे।

संस्कृति को विश्व पटल पर मिलेगी पहचान

इस कल्चरल सेंटर के जरिए राज्य की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने और उसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के साथ केंद्र और राज्य सरकार एकजुट होकर कार्य कर रही है। केवल इतना ही नहीं हिमालयन कल्चरल सेंटर की मदद से अब प्रदेश की लोक संस्कृति के साथ-साथ लोक कलाकारों को भी बेहतर और अलग पहचान मिलेगी।

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