नई दिल्ली, 09 अगस्त। कोयला मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि कोयला कामगारों की पेंशन में किसी प्रकार का संशोधन नहीं होगा। सरकार ने इसकी वजह मासिक अंशदान से ज्यादा इसके भुगतान को बताई है।

संसद में इस संदर्भ में सवाल पूछा गया था कि, क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि कोयला खान पेंशन योजना के अंतर्गत कोयला क्षेत्र के श्रमिकों की पेंशन में प्रत्येक तीन वर्ष में संशोधन किया जाता है। क्या सरकार को यह भी जानकारी है कि उक्त के पेंशन में पिछला संशोधन 1998 में किया गया था, यदि हां , तो संशोधन नहीं किये जाने का क्या कारण है। क्या सरकार इस बात का आश्वासन देगी की पेंशन की खराब स्थिति को देखते हुए पेंशन में संशोधन किया जाएगा?

केन्द्रीय कोयला प्रल्हाद जोशी ने लिखित में यह जवाब प्रस्तुत किया :

कोयला खान पेंशन योजना, 1998 में पेंशन निधि के मूल्यांकन और समीक्षा का प्रावधान है। आयुक्त, कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPFO), न्यासी बोर्ड (BOT), सीएमपीएफओ द्वारा नियुक्त किए जाने वाले बीमांकक द्वारा प्रत्येक तीसरे वर्ष पेंशन निधि के मूल्यांकन लिए जिम्मेदार हैं। पेंशन फंड में अनुमत होने पर, बीओटी बीमांकक की सिफारिश पर और केंद्र सरकार के अनुमोदन से योजना के तहत देय अंशदान की दरों या स्वीकार्य किसी भी लाभ के पैमाने या अवधि जिसके लिए इस तरह के लाभ की अनुमति दी जा सकती है, में संशोधन कर सकता है।

कोयला खान पेंशन योजना, 1998, 31 मार्च, 1998 को एक निश्चित अंशदान परिभाषित लाभ योजना के रूप में लागू हुई। यह अंशदान लाभ के समान नहीं है। बीमांकक मूल्यांकन रिपोर्ट विस्तृत विश्लेषण पर आधारित है और इसे निधियों को संधारणीय बनाने हेतु नियत लाभ के लिए निर्धारित अंशदान, पेशनभोगियों की संख्या सक्रिय कामगारों की संख्या, उनके आश्रितों आदि जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समय- समय पर बीओटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। केंद्रीय व्यापार संघों के प्रतिनिधियों, जो बीओटी के सदस्य भी है, के प्रतिरोध के कारण, पेंशन अंशदान को बढ़ाने के लिए बीमांकक की सिफारिश को लागू नहीं किया जा सका।

दिनांक 1 अक्टूबर, 2017 से निधि में अंशदान को पूर्ववर्ती 4.91 प्रतिशत से संशोधित कर 14 प्रतिशत कर दिया गया था। इसके बावजूद निधि में अंशदान संवितरण से कम है। संग्रहण और संवितरण के बीच अंतर के कारण पेंशन का अधिक पुनरीक्षण संभव नहीं था

बीमांकक मूल्यांकन के अनुसार, पेंशन की निवल देयता 31 मार्च, 2015 को 40,976.64 करोड़ रुपए थी, जो 31 मार्च, 2019 को बढ़कर 42,391.63 करोड़ रुपये हो गई है। निधि में अंशदान और पेंशन संवितरण के बीच बढ़ते अंतर के कारण पेंशन में संशोधन संभव नहीं है।

मासिक अंशदान व संवितरण राशि करोड़ में :

2020-21

  • औसत मासिक अंशदान : 280.54
  • औसत मासिक संवितरण : 295.21

2021-22

  • औसत मासिक अंशदान : 328.01
  • औसत मासिक संवितरण : 356.97

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