कोरबा (IP News). कोल इंडिया लिमटिड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार स्थापनाकाल से अब तक अनुषांगिक कंपनियों सहित अब तक करीब 10 करोड़ (99.6 मिलियन) पौधों का रोपण किया जा चुका है। प्रबंधन ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए हरियाली पर जोर दिया गया है। रोपे गए करोड़ों पौधे पेड़ का रूप ले चुके हैं। प्रबंधन की मानें तो जिन खनन क्षेत्रों में पौधे लगाए गए हैं वहां प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में है।

यहां बताना होगा कि कोल इंडिया और अनुषांगिक कंपनियों द्वारा प्रत्येक वर्ष पौधरोपण किया जाता है। यह कार्य कंपनियों या स्वंय कराती हैं अथवा राज्य सरकार के वन विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी जाती है। छत्तीसगढ़ में एसईसीएल द्वारा ज्यादातर पौधरोपण छग राज्य वन विकास निगम मर्यादित द्वारा कराया जाता है। कोल इंडिया ने पौधरोपण के आंकड़े तो जारी किए हैं, लेकिन रोपे गए पौधों में कितने जीवित हैं यह नहीं बताया है। यहां बताना होगा कि सीआईएल और एसईसीएल द्वारा प्रदूषण नियंत्रण का दावा किया जाता है। हकीकत इसके विपरित है। एसईसीएल के कुसमुंडा और गेवरा परियोजना क्षेत्र की सर्वाधिक प्रदूषित इलाकों में गिनती होती है। खासकर कुसमंुडा एरिया में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़े प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाते हैं।

कन्वेयर बेल्ट के लिए 18,000 करोड़ का बजट

कोल इंडिया प्रबंधन ने कहा है कि प्रदूषण को कम करने के लिए उत्पादन स्थल से डिस्पैच स्थल तक कन्वेयर बेल्ट के जरिए कोयला प्रेषण की व्यवस्था कायम की जा रही है। इस व्यवस्था को तैयार करने के लिए प्रथम चरण में करीब 18,000 करोड़ रुपये खर्च करने का बजट तैयार किया गया है। खनन से प्रदूषण होता है। इलाके का पर्यावरण बिगड़ जाता है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार का जोर प्रदूषण का स्तर कम करने पर है। इसके मद्देनजर नेशनल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइडलाइन को कड़ाई से पालन कराने के लिए हर स्तर पर काम किए जा रहे हैं। कोयला खनन क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। कोयला मंत्रालय ने रिपोर्ट सौंप दी है। कोल इंडिया में भूमिगत खदान से अधिक अब खुली खदानों से कोयला उत्पादन हो रहा है। इस कारण प्रदूषण फैल रहा है। यह सर्वे रिपोर्ट में आने के बाद सभी इसके रोकथाम के प्रयास में जुटे हैं।

39,842 हेक्टेयर जमीन पर 99.6 मिलियन पौधरोपण

कोयला मंत्रालय ने पर्यावरण मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने 31 मार्च, 2020 तक अपनी स्थापना के समय से 39,842 हेक्टेयर क्षेत्र में 99.6 मिलियन से अधिक पेड़ लगाए हैं। कोल इंडिया खदानों और आवासीय कालोनियों के आसपास पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए हर साल व्यापक पौधरोपण कार्य करता है। ओबी डंप पर इको पार्क का निर्माण सहित बंद ओपन कास्ट खदानों के समतलीकरण कर पौधरोपण का काम भी तेजी से किए जा रहे हैं।

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