कोरबा (IP News). चालू वित्तीय वर्ष के आठ माह खत्म हो चुके हैं। इन आठ माह में कोल इंडिया लिमिटेड ने 334.5 मिलियन टन का उत्पादन दर्ज किया है। 2019 में यह आंकड़ा 330.4 मिलियन टन पर था। उत्पादन में 1.2 फीसदी का ग्रोथ हुआ है। सीआईएल का टारगेट 710 मिलियन टन कोयला उत्पादन का है। वित्तीय वर्ष को पूरे होने में चार माह शेष रह गए हैं।

अनुषांगिक कंपनीवार उत्पादन के आंकड़े देखें तो सबसे अच्छा प्रदर्शन महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) का रहा हैै। एमसीएल ने अप्रेल से नवम्बर तक 87.7 मिलियन टन का उत्पादन किया। पिछले वर्ष समान अवधि में यह आंकड़ा 74.9 मिलियन टन पर था। एमसीएल का ग्रोथ 17.2 प्रतिशत रहा। इसके बाद नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) का प्रदर्शन ठीक रहा। एनसीएल ने 73.7 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया। पिछले साल 69.9 मिलियन टन उत्पादन हुआ था। एनसीएल ने ग्रोथ 5.4 फीसदी दर्ज किया।

डब्ल्यूसीएल का परफार्मेंस सबसे खराब

वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) परफार्मेंस सबसे खराब रहा। डब्ल्यूसीएल ने बीते वर्ष के मुकाबले 14.3 प्रतिशत नेगेटिव ग्रोथ दर्ज किया। कंपनी ने अप्रेल से नवम्बर में 23.2 मिलियन उत्पादन किया। जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 27.1 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ था। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने 76.7 मिलियन टन उत्पादन किया। 2019 की समान अवधि में यह आंकड़ा 81.2 मिलियन टन पर था। हालांकि नवम्बर में एसईसीएल ने 2019 के मुकाबले अधिक उत्पादन किया है। नवम्बर में कंपनी का कोयला उत्पादन 12.4 मिलियन टन दर्ज हुआ। नवम्बर 2019 में 11.6 मिलियन टन उत्पादन हुआ था।

ईसीएल, बीसीसीएल और सीसीएल का उत्पादन भी नेगेटिव ग्रोथ में रहा। हालांकि नवम्बर में डब्ल्यूसीएल का छोड़ सभी कंपनियों का प्रदर्शन ठीक रहा।

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