भिलाई (IP News). आहार का मानव स्वास्थ्य से सीधा रिश्ता है। मानव को स्वस्थ रखने में पौष्टिक भोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज कोविड में भी, मरीजों की रिकवरी में भोजन की अहम भूमिका है। कोविड मरीजों को बेहतर इलाज के साथ-साथ पौष्टिक भोजन, एक महती जरूरत बन गई है। बीएसपी के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों के इसी जरूरत को बड़ी सिद्धता से पूर्ण किया, जेएलएन अस्पताल की किचन टीम ने।

विदित हो कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जेएलएन अस्पताल, आज प्रदेश का सबसे बड़ा कोविड सेंटर बन चुका है। कोविड के वर्तमान काल में मरीजों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हुई है। मात्र अप्रेल, 2021 में 15000 से अधिक मरीज इस अस्पताल में इलाज हेतु पहुंचे, जिनमें से 2000 से अधिक मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया। मरीजों की संख्या में वृद्धि ने जहां चिकित्सकों पर दबाव बनाया, वहीं सेक्टर-9 में संचालित किचन पर भी पौष्टिक आहार समय पर उपलब्ध कराने का अतिशय दबाव देखा गया।

सेक्टर-9 अस्पताल के किचन टीम ने अपनी प्रतिबद्धता व हौसला दिखाते हुए इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने हेतु कारगार रणनीति बनायी। जिसके फलस्वरूप इस टीम ने कोविड मरीजों को समय पर भोजन व नास्ता उपलब्ध कराकर कामयाबी हासिल की। किचन टीम के समर्पण का ही नतीजा है कि आज इस बढ़ते दबाव के बीच भी लोग हंसकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहें हैं।

दबाव में भी सेवा की अनुपम मिसाल

अस्पताल की डायटीशियन सुश्री पारोमिता दासगुप्ता बताती हैं कि सामान्य दिनों में जहाँ 100 मरीजों के भोजन की व्यवस्था की जाती थी, आज कोविड के इस दूसरे दौर में यह संख्या बढ़कर 620 से भी अधिक हो गई है। बीएसपी अस्पताल के किचन पर लगभग 6 गुना दबाव बढ़ा है। परन्तु किचन की इस प्रतिबद्ध टीम ने इस चैलेंज को स्वीकारते हुए अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर मरीजों की सेवा की अनुपम मिसाल कायम की है।

सेहतमंद रखने की कवायद

आज सेक्टर-9 अस्पताल में प्रतिदिन 620 से अधिक लोगों के लिए डायट प्लान बनाया जाता है और प्रतिदिन खाने का मेन्यू निर्धारित किया जाता है। मरीजों को सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोज न, शाम की चाय, बिस्किट और रात का भोजन समय पर पहुंचाना बड़ी जिम्मेदारी का कार्य है। इसके अतिरिक्त कोविड के इस दौर में ऐसे डॉक्टर्स, नर्सेस, टेस्टिंग स्टाफ, मरच्युरी स्टाफ व अन्य पैरा-मेडिकल स्टाफ जो दिनभर फुल पीपीई किट में अपनी ड्यूटी करते हैं, उन्हें डी-हाइडेªशन से बचाने हेतु समय-समय पर नीबू पानी, चाय मुहैया कराना भी इस टीम के कार्यों में शामिल हैं।

मरीजों के हिसाब से डायट प्लान

इसके अतिरिक्त डायट प्लान बनाते समय कोमारबिटिडी वाले मरीजों के हिसाब से भी डायट प्लान बनाया जाता है, जिससे इन मरीजों को सही खान-पान प्राप्त हो सकें। इसके साथ ही बर्न यूनिट के मरीजों के लिए लिक्विड डायट की जरूरतों को भी ध्यान में रखकर भोजन तैयार किया जाता है। इतने बड़े पैमाने पर काम करने के लिए इस टीम ने खास रणनीति बनाकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। जिसकी वजह से ही आज मरीजों को चारों वक्त सही समय पर चाय, नाश्ता व भोजन प्राप्त हो रहा है। चेहरे पर मुस्कान लिए हुए ये टीम प्रातः 5 बजे से लेकर रात्रि 9 बजे तक निरन्तर काम कर रही हैं।

प्रतिदिन 1200 से अधिक पैकेड मील की आपूर्ति

प्रतिदिन लंच में 620 पैकेड मील और डिनर में भी 620 पैकेड मील को 8 भोजन ट्रालियों के सहारे कुल 30 वार्डों व अस्पताल के विभिन्न इकाइयों में भोजन की आपूर्ति की जाती है। सही समय पर भोजन पहुंचाना एक बड़ी जिम्मेदारी है, इस टीम के कई सदस्य कोविड से प्रभावित हुए परन्तु इस टीम ने अपना हौसला बुलंद रखते हुए अपनी जिम्मेदारियों का बेहतरीन निष्पादन किया है।

व्यवस्था में भिलाई महिला समाज की महत्वपूर्ण भूमिका

बीएसपी अस्पताल के इस किचन को चलाने में निरन्तर राशन, सब्जी, दूध आदि की व्यवस्था करना आवश्यक है। इन आवश्यकताओं को पूर्ण करने में भिलाई महिला समाज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भिलाई महिला समाज द्वारा खाने के राशन व मसाले आदि की गुणात्मक आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है। इसी प्रकार अस्पताल में दुध की व्यवस्था छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित द्वारा किया जाता है। फल, सब्जियां, अण्डे व बेड आदि की व्यवस्था में अरूण सिंह निरन्तर योगदान दे रहे है।

समर्पित टीम के सदस्य हैं-

अस्पताल का भोजन विभाग अस्पताल के “मेंटनेंस एवं सर्विसेस” के तहत संचालित है। महाप्रबंधक द्वय श्री शाहिद अहमद तथा श्री बलबीर सिंह के मार्गदर्शन, श्री एस उपलपवार के देखरेख तथा 3 डायटिशीयन श्रीमति पारोमिता दासगुप्ता, श्रीमति बीजी पिल्लई तथा श्रीमति सुरजा जयप्रसाद के नेतृत्व में भोजन व्यवस्था का सुचारू संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त भोजन को पौष्टिक व स्वादिष्ट बनाने में रसोइया एवं उनके सहायक श्री प्यारेलाल, श्रीमति रामबाई, श्री ताताराव, श्रीमति दुखिया बाई, श्री लक्ष्मण, श्री सुरज, श्री गौतम आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टीम का समर्पण निश्चित ही अनुकरणीय है।

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