केंद्र सरकार निजीकरण के तहत मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी को एक रुपए लीज पर देने जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार स्टैंडर्ड बिट डॉक्यूमेंट का मसौदा भेजा गया है।

इस मसौदे के तहत अक्टूबर 2021 तक बिजली आपूर्ति का काम निजी क्षेत्र में चला जाएगा। इस क्रम में, इंदौर के पश्चिमी क्षेत्र के उच्चतम-लाभकारी बिजली क्षेत्र को पट्टे पर दिया जाएगा। केन्द्र द्वारा शिवराज सरकार को भेजे गए स्टैंडर्ड बिट डॉक्यूमेंट में बिजली कंपनी के साथ समझौते सहित नियमों के अनुपालन की सभी शर्तों का उल्लेख किया गया है।

इसके अनुसार 1 रुपए लीज पर पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर निजी कंपनी को सौंपा जाएगा। जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के पास न्यूनतम 1 लाख करोड़ रुपए का इन्फ्रास्ट्रक्चर है, लेकिन केंद्र सरकार से 1 रुपये के पट्टे पर, कर्मचारियों सहित पूरे बुनियादी ढांचे को दिया जाएगा। जिसमें सरकारी मकान और वाहन भी शामिल होंगे।

सकते में बिजली कर्मचारी

एक रुपये में लीज की खबर के कारण बिजली कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी सकते में आ गए हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ एंप्लॉयीज ने शिवराज सरकार से नियुक्ति के लिए कहा है। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर फॉर्म्स एंड इंजीनियर्स के प्रांतीय संयोजक वीकेएस परिहार ने कहा, बिजली कंपनी के निजी हाथों में जाने पर किसानों और गरीबों की शक्ति महंगी होगी।

बिजली कर्मचारियों ने दी सरकार को चेतावनी

लीज में 1 रुपये दिए जाने से बिजली कर्मचारी नाराज हैं। सरकार को धमकी देते हुए कर्मचारियों ने कहा कि अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो वे पूरे देश में आंदोलन करेंगे।

राज्य की सियासत गरमाई

बिजली कंपनी को लीज पर देने की खबर से मध्य प्रदेश की सियासत भी गर्म हो गई है। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा में शिवराज सरकार की ईंट से ईंट बजाने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस विधायक कुणाल चैधरी ने कहा कि अगर सरकार एक रुपये में लोगों की संपत्ति की सौदे-बाजी करती है, तो राज्य में किसान आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन होगा।

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