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कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को राहत दे सकती है। सरकार बजट में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में 14 फीसदी हिस्सेदारी पर कर छूट देने की घोषणा कर सकती है। अभी एनपीएस में 10 फीसदी हिस्सेदारी पर कर छूट मिलती है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सूत्रों के अनुसार, पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए ने वित्त मंत्रालय से सिफारिश की है कि एनपीएस को और आकर्षक बनाने और सभी को समान लाभ देने के लिए कर छूट की सीमा को बढ़ाई जाए। पीएफआरडीए की सिफारिश पर केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्कीम के तहत टैक्स छूट बढ़ाने पर विचार कर सकती है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में सरकार के कर्मचारियों के लिए धारा 80 सीसीडी (2) के तहत आयकर में कटौती के लिए किसी भी सीमा के बावजूद वेतन (मूल + डीए) के 14% तक की कटौती की जाती है। वहीं, निजी क्षेत्र के कर्मियों के लिए यह सीमा 10% है। यह लाभ तब भी मिलता है जब आप पुरानी आयकर व्यवस्था से काम करते हैं। इस असमानता को दूर करने के लिए पीएफआरडी ने केंद्र सकरार और वित्त मंत्रालय से सिफारिश की है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बहुत उम्मीद है कि सरकार इसमें समानता ला दें।

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पीएफआरडी ने वित्त मंत्रालय से ये सिफारिशें भी की

सूत्रों के अनुसार, पीएफआरडीए ने टीयर-1 कर्मचारियों को एनपीएस से संबंधित छूट देने, एनपीएस में 14 फीसदी तक हिस्सेदारी बढ़ाने और एन्यूटी प्लान के तहत मिली रकम पर कर छूट देने की सिफारिश भी वित्त मंत्रालय से की है। इसके अलावा टीयर-1 में धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत कर छूट की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की सिफारिश की है। साथ ही पेंशन फंड रेग्युलेटर ने एनपीएस टीयर-2 के सभी पेंशनर को आयकर की 80सी के तहत छूट देने की सिफारिश भी की है। सूत्रों के मुताबिक, पीएफआरडीए की इन सिफारिशों पर वित्त मंत्रालय में चर्चा भी हुई है।

पेंशन पाने के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प

एनपीएस में मिल रहे शानदार रिटर्न और कर छूट से इसमें निवेश तेजी से बढ़ा है। निजी क्षेऋ में काम करने वाला कर्मचारी भी अपनी मर्जी से पेंशन स्कीम में शामिल हो सकते हैं। पहले पेंशन को लेकर इसी वर्ग को सबसे ज्यादा चिंता होती थी क्योंकि सरकारी सेक्टर में पेंशन पहले से लागू है। एनपीएस ने निजी क्षेत्र के लोगों की चिंता दूर कर दी है केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को एनपीएस लॉन्च किया था।

कर विशेषज्ञ गिना रहें हैं खामियां

एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले तमाम फायदों के बावजूद कर विशेषज्ञ इसमें सरकार और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों लिए अलग-अलग लाभ को बड़ी खामी मानते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अगर इसे दुरुस्त कर दे तो एनपीएस में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में और भी बढ़ोतरी देखी जाएगी। अभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 14 फीसदी जबकि दूसरों के लिए 10 फीसदी की वेतन कटौती का प्रावधान है। विशेषज्ञ बजट में सरकार इस प्रावधान पर ध्यान देने और हर वर्ग के लिए समान वेतन कटौती का प्रावधान लागू करने की सलाह दे रहे हैं।

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