नागपुर (आईपी न्यूज)। रविवार को भारतीय मजूदर संघ ने अपने संस्थापक दत्तोपंत ठेगड़ी को उनकी 100वीं जयंती पर याद किया। इस अवसर पर नागपुर में जनशताब्दी समारोह की शुरुआत हुई। सामारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि दत्तोपंत ठेगड़ी जी संघ परिवार की उन शख्सियत में आते हैं, जिनमें तत्व चिंतक, उत्कृष्ट व्यक्तित्व और बेहतर संगठक के गुण थे। समाज के हर क्षेत्र में उनका समान नेतृत्व था। उनके सम्पर्क में जो भी रहा, उसे कुछ न कुछ सीखने को ही मिला है। उन्हें स्नेह, करुणा और लीडरशिप के गुण अपने परिवार से ही मिले। इन सब प्रतिभाओं के बावजूद वह आलौकिक न होकर लोगों के बीच उन जैसा ही बनकर पहुंचे। ऐसे व्यक्तित्व का जन्म शताब्दी वर्ष मनाने का आशय सिर्फ उनके प्रति कृतज्ञता जताना नहीं है। बल्कि इस आयोजन के माध्यम से उनके विचारों को लोगों के बीच लेकर जाना है। श्री भागवत ने कहा कि एक महान शख्सियत के विचारों को समाज तक लेकर जाना इतना आसान नहीं है। समाज इसे पूर्ण विश्वास के साथ ग्रहण करे, इसके लिए जरूरी है कि पहले हम ही उन विचारों को आत्मसात करें। उनकी बताई दिशा में चलकर ही उनके विचारों की सत्यता साबित कर सकते हैं।

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, वे एक राष्ट्र ऋषि थे

इस अवसर पर दत्तोपंत ठेगड़ी जन्म शताब्दी समारोह आयोजन समिति की अध्यक्ष पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमति सुमित्रा महाजन ने कहा कि ठेगड़ी जी अपने आप में एक संगठन थे। एक बड़ी शख्सियत होने के बावजूद वह आखिरी वक्त तक खुद को सिर्फ एक स्वयंसेवक ही मानते थे। वह हमेशा कार्यकर्ताओं को संदेश देते थे कि संगठन का काम करना है तो खुद को नियमों में बांधों, क्योंकि यह ईश्वरीय कार्य है। श्रीमति महाजन ने उन्हें समरसता का समर्थक बताते हुए कहा कि उनकी सोच दूरगामी थी, वे वाकई राष्ट्र ऋषि थे। इस मौके पर कार्यक्रम का संचालन भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने किया।

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