कोविड की चुनौतियों के बावजूद, भारतीय रेल ने इस वर्ष रिकॉर्ड माल लदान किया और रिकॉर्ड आय अर्जित की।

वित्त वर्ष 2020-21 में, भारतीय रेल का माल लदान 1224.45 मिलियन टन रहा, जो पिछले वर्ष के 1205.04 मिलियन टन की तुलना में 2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। भारतीय रेल ने पिछले साल की आय 113477.9 करोड़ रुपये की तुलना में माल ढुलाई से 116634.9 करोड़ रुपये की आय अर्जित की और इसमें 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।

मार्च 2021 में, भारतीय रेल का माल लदान 122.19 मिलियन टन रहा, जो पिछले साल के 98.76 मिलियन टन की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। इस महीने में, भारतीय रेल ने माल ढुलाई से 12137.22 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में (9806.09 करोड़ रुपये) 24 प्रतिशत अधिक है।

दैनिक आधार पर (31 मार्च, 2021; सुबह) भारतीय रेल का माल लदान 3.24 मिलियन टन था, जो पिछले वर्ष की इस तारीख (2.4 मिलियन टन) की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। इस तारीख को, भारतीय रेल ने 364.92 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जो पिछले वर्ष की इसी तारीख (239.14 करोड़ रुपये) की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक है।

कोविड के कारण पैदा हुई विभिन्न चुनौतियों के बावजूद, भारतीय रेल ने अपने माल लदान और आय में निरंतर वृद्धि दर्ज करना जारी रखा है।

इस उपलब्धि को हासिल करने में, भारतीय रेल द्वारा रियायत / छूट की पेशकश की भूमिका महत्वपूर्ण है।

यह ध्यान देने योग्य है कि माल ढुलाई में सुधार को संस्थागत रूप दिया जाएगा और इसे आगामी शून्य आधारित टाइम टेबल में शामिल किया जाएगा।

भारतीय रेल ने इस आपदा को हर तरह की क्षमता और प्रदर्शन में सुधार करने के अवसर में बदल दिया है।

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