कोरबा (आईपी न्यूज)। छत्तीसगढ़ राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने बीते वित्तीय वर्ष में केवल 72 करोड़ रुपए के कंपनी सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के कार्य किए। जबकि 2016- 17 में 85 करोड़ तथा 2015-16 में 241.17 करोड़ रुपए सीएसआर में खर्च किए गए थे। कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि एनटीपीसी, आईओसी जैसी बड़ी सरकारी कंपनियां तीन सालों से सामाजिक उत्तरदायित्व वालो कार्यों से नदारद हैं। एनटीपीसी ने 2014- 15 में 22.56 करोड़ रुपए सीएसआर के कार्यों में व्यय किए थे। इसके बाद कंपनी की जेब से कोई रकम नहीं निकली है। देश के बड़े सार्वजनिक उपक्रम इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी) का पूरे छत्तीसगढ़ में सीएसआर के क्षेत्र में कोई योगदान नहीं है। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार एसईसीएल ने भी 2016-17 एवं 2017-18 में सीएसआर का कोई काम नहीं किया है। जिंदल एक ऐसी कंपनी जो निरंतर सीएसआर के कार्यों मेे पैसे खर्च कर रही है।
वर्ष 2017-18, सर्वाधिक 35.45 करोड़ रुपए शिक्षा के क्षेत्र में खर्च हुए
वित्तीय वर्ष 2017-18 के सीएसआर के कार्यों की रिपोर्ट हाल में जारी की गई है। इसके अनुसार छत्तीसगढ़ की छोटी बड़ी 115 कंपनियों ने सीएसआर के क्षेत्र में 72 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस वर्ष सेल ने सर्वाधिक 11.19 करोड़ तथा एसीबी इंडिया लिमिटेड ने 8.87 करोड़ रुपए का योगदान दिया। एसेंचर साल्यूशन प्रा.लि. ने 6.21, जेपीएल 5.95, आरएसपीएल 4.96, एनवीसीएल 3.62, अडानी 2.13, जायसवाल निको 2.9, शारदा इंजीनियरिंग ने 1.77 करोड़ रुपए सीएसआर के लिए दिए। इसके अलावा अन्य कंपनिया भी हैं जिन्होंने इस क्षेत्र में पैसे खर्च किए। 72 करोड़ में सर्वाधिक 35.45 करोड़ रुपए की राशि शिक्षा के क्षेत्र में व्यय की गई। एनटीपीसी, एसईसीएल, बालको, आईओसी जैसी बड़ी कंपनियों का इस वर्ष योगदान नहीं रहा।
टाॅप टेन में छत्तीसगढ़ नहीं
कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष में सीएसआर की सर्वाधिक रकम महाराष्ट्र में खर्च हुई। इसके बाद कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडू, दिल्ली, ओड़िशा, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, आन्ध्रप्रदेश का नम्बर आता है।

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