एपेक्स जेसीसी की मीटिंग में यूनियन नेतागण
एपेक्स जेसीसी की मीटिंग में यूनियन नेतागण

नई दिल्ली, 27 दिसम्बर। मंगलवार को हुई एपेक्स जेसीसी की बैठक में सीआईएल प्रबंधन की संभावित हड़ताल को लेकर घबराहट नजर आई। एपेक्स जेसीसी के एजेण्डे पर चर्चा के अलावा प्रबंधन ने यूनियन सदस्यों के समक्ष तीन जनवरी, 2023 को जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक बुलाए जाने का प्रस्ताव रखा। यूनियन ने इस प्रस्ताव पर हामी भरी और कहा उन्हें को दिक्कत नहीं।

लिहाजा सीआईएल प्रबंधन ने तत्काल जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक बुलाने की सूचना जारी कर दी। एपेक्स जेसीसी की बैठक को लेकर सीटू नेता डीडी रामनंदन ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए बताया कि ग्रेच्युटी, आवास लीज पर देने, कैडर स्कीम में बदलाव आदि विषय पर चर्चा की गई। श्री रामनंदन ने बताया कि प्रबंधन ने मुद्दों पर चर्चा की है, लेकिन किसी पर निर्णय नहीं हुआ है। सीटू नेता ने बताया कि प्रबंधन ने जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक तीन जनवरी को बुलाए जाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी ने सहमति दी।

industrialpunch.com से चर्चा करते हुए एचएमएच नेता नाथूलाल पांडे ने बताया कि तीन जनवरी को जेबीसीसीआई की जो बैठक बुलाई गई है, इसमें प्रबंधन का रवैया देखा जाएगा। यदि पॉजिटिव रिजल्ट नहीं आया तो 7 जनवरी को प्रस्तावित कन्वेंशन में हड़ताल की रणनीति बनेगी। एपेक्स जेसीसी की बैठक में बीएमएस के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी, एटक नेता रमेन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।

यहां बताना होगा कि कोल सेक्टर में 11वें वेतन समझौते को लेकर आंदोलन का आगाज हो चुका है। आंदोलन के दूसरे चरण के तहत 7 जनवरी, 2023 को रांची में संयुक्त कन्वेंशन के आयोजन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस कन्वेंशन में हड़ताल का प्रस्ताव लाया जाना है। तीन से पांच दिनों की कामबंद हड़ताल को लेकर निर्णय लिए जाने की तैयारी है। कोल इंडिया और अनुषांगिक कंपनियों तथा सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड में यह हड़ताल होगी। हड़ताल होने की स्थिति में कोयला उत्पादन और प्रेषण का कार्य खासा प्रभावित हो सकता है।

रांची में होने वाले कन्वेंशन की तैयारी शुरू कर दी गई है। सीएमपीडीआईएल कैंपस में होने वाले इस कन्वेंशन में श्रमिक संगठन एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक से एक हजार लोग जुटेंगे। एक हजार लोगों की आवास व्यवस्था के लिए आवासीय टेंट लगाए जाएंगे और भोजन इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी।

MGB पर अटकी हुई वार्ता

यहां बताना होगा कि 30 नवम्बर को सीआईएल मुख्यालय में आयोजित जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक बगैर नतीजा खत्म हो गई थी। यूनियन ने अपनी मांग से नीचे आते हुए 28 फीसदी एमजीबी देने का प्रस्ताव रखा था। सीआईएल प्रबंधन 10.50 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ा। प्रबंधन ने साफ कहा कि डीपीई का ऑफिस मेमोरेंडम इससे आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देता है। डीपीई की गाइडलाइन में छूट के बगैर वेतन समझौता संभव नहीं है।

सीआईएल प्रबंधन के इस रवैये पर यूनियन ने आंदोलन ने संयुक्त रूप से आंदोलन का ऐलान किया। 9 दिसम्बर को सीआईएल सहित सभी अनुषांगिक कंपनियों के एरिया में विरोध दिवस मनाने तथा 7 जनवरी को रांची में संयुक्त कन्वेंशन किए जाने का निर्णय लिया गया। संयुक्त कन्वेंशन में आंदोलन के आगे की रणनीति तय किया जाने की बात कही गई।

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