बिलासपुर, 01 जनवरी। एसईसीएल (SECL) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा ने 01.01.2024 को निदेशक(वित्त) जी. श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी संचालन सह योजना-परियोजना एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या, मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी के साथ प्रशासनिक भवन सीएमडी सभाकक्ष में प्रत्येक विभाग के विभागाध्यक्षों, अधिकारियों कर्मचारियों, महिलाकर्मियों, विभिन्न श्रमसंघ प्रतिनिधियों से प्रत्यक्ष मिलकर नववर्ष की बधाई दी। उनके उज्जवल भविष्य, उत्तम स्वास्थ्य एवं एसईसीएल कम्पनी को उत्तरोत्तर शिखर पर ले जाने की कामना की।

कर्मियों ने एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा एवं उनके साथी निदेशकगणों का पुष्पगुच्छ से आत्मीय अभिनंदन किया। इस अवसर पर अधिकारी एवं कर्मचारीगण भी आपस में एक-दूसरे से गले मिलकर ’’नववर्ष 2024” की शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर CMD डा. प्रेम सागर मिश्रा, निदेशक (वित्त)जी. श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी संचालन सह योजना-परियोजना एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या, मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी ने बेस्ट आफ 2023 पुस्तिका का विमोचन किया।

पुस्तिका में वर्ष 2023 में सम्पन्न उल्लेखनीय कार्यों, उपलब्धियों- जैसे  प्रधानमंत्री के करकमलों से सीईआरएल रेल कारिडोर का लोकार्पण, केनापारा ईको-टूरिज्म साईट, एसईसीएल की 63 खदानों को स्टार रेटिंग पर कोयला मंत्री के करकमलों से पुरस्कृत, विशेष अभियान 3.0 में सभी कोल कंपनियों में एसईसीएल को कोयला मंत्री द्वारा पुरस्कृत, ईआरपी सफल क्रियान्वयन में कोयला मंत्री से पुरस्कृत, कोयला सचिव के करकमलों से छाल सायडिंग उद्घाटन, 49वें कोल इंडिया स्थापना दिवस अवार्ड्स में एसईसीएल को मिले 6 अवार्ड्स को सम्मिलित किया गया है।

इसी तरह कोलइंडिया चेयरमैन द्वारा कुसमुण्डा वर्कशाप काम्प्लेक्स-गेवरा रेल रैपिड लोड आउट सिस्टम व बरौद साईडिंग का उदघाटन, अधिकाधिक भूविस्थापितों को रोजगार, गेवरा बनी देश की सबसे बड़ी कोयला खदान, केतकी यूजी बनी एमडीओ मोड से उत्पादन कने वाली पहली भूमिगत खदान, नयी खदानों की शुरूआत तथा बंद खदानों को पुर्नर्जीवित करने में मिली सफलता, सौर ऊर्जा परियोजनाओं की मदद से एसईसीएल एक नेट-पॅजिटिव कंपनी बनने के पथ पर, मानिकपुर पोखरी के रूप में तीसरी ईको-टूरिज्म साईट को विकसित करने का निर्णय, डीजीकोल के तहत मेगा प्रोजेक्ट्स में डिजिटल समाधानों से कोयला खनन हुआ डिजिटल, पहली बार मियावाकी विधि से पौधरोपण पर कार्य प्रारंभ, जमुना ओपनकास्ट परियोजना में किये गए प्रतिपूरक वनरोपण का सुंदर उदाहरण, पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में सीएसआर पर किए अधिकाधिक खर्च, सुश्रुत येाजना के तहत कोयलांचल के बच्चों को नीट कोचिंग, ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट शिक्षा, सीपेट के माध्यम से रोजगार, 3.0 के तहत कबाड़ से कलाकृति, आयकर रिफार्म आदि शामिल हैं।

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