नई दिल्ली, 12 फरवरी। कोयला कामगारों के सामाजिक सुरक्षा, भत्तों इत्यादि कोल लेकर सब कमेटी गठन का मामला टल गया है। कोल इंडिया प्रबंधन ने 3 फरवरी को सब कमेटी के गठन के लिए पत्र जारी किया था।

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सीआईएल के इस कदम का विरोध शुरू हो गया था। एचएमएस के नेता सब कमेटी के गठन के विरोध में खुलकर सामने आ गए थे। कामगारों के बीच भी इसको लेकर मुखालफत हो रही थी। बीएमएस भी इसके विरोध में था, लेकिन संगठन की ओर सब कमेटी का गठन नहीं करने को लेकर कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। सीटू एवं एटक सब कमेटी के पक्ष में थे। सीटू का मानना था कि इस सब कमेटी के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने में सहूलियत होती है। बाद में एटक ने के नेताओं ने भी कह दिया गया अब सब कमेटी को अस्तित्व में लाना उचित नहीं होगा।

इस संदर्भ में एटक नेता और जेबीसीसीआई सदस्य रमेन्द्र सिंह ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि सब कमेटी के गठन का मामला टल गया है। यूनियन में सब कमेटी को मतभेद उभर रहे थे।

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सीआईएल प्रबंधन ने सब कमेटी गठन के लिए चारों श्रमिक संगठन एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक से दो- दो प्रतिनिधियों के नाम मांगे थे। नाम 10 फरवरी तक प्रेषित करने कहा गया था।

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