कोयला मंत्री ने कॅमर्शियल माइनिंग की चुनौती से किया सचेत

ये सभी कोल ब्लॉक पांच- छह साल के भीतर चालू हो जाएंगे। तब कोल इंडिया और अनुषांगिक कंपनियों को बाजार से चुनौती मिलेगी। इसके लिए सभी को तैयार रहना होगा और अपनी दक्षता बढ़ानी होगी।

नई दिल्ली, 24 फरवरी। केंद्रीय कोयला प्रल्हाद जोशी ने कॅमर्शियल माइनिंग की चुनौतियों से सचेत किया है। उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला खदानों की व्यावसायिक नीलामी के तहत अब तक 42 कोयला ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है।

ये सभी कोल ब्लॉक पांच- छह साल के भीतर चालू हो जाएंगे। तब कोल इंडिया और अनुषांगिक कंपनियों को बाजार से चुनौती मिलेगी। इसके लिए सभी को तैयार रहना होगा और अपनी दक्षता बढ़ानी होगी।

यह बातें प्रल्हाद जोशी ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के उद्यम संसाधन योजना (ईआरपी) प्रणाली कार्यान्वयन का उद्घाटन समारोह में कही। उन्होंने राष्ट्र को निरंतर कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करके हाल की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए सीआईएल की सराहना भी की।

उन्होंने सीआईएल से मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के लिए निर्धारित कोयला उत्पादन लक्ष्य हासिल करने का आग्रह किया।

श्री जोशी ने कहा कि कॅमर्शियल माइनिंग के साथ ही कैप्टिव कोल माइनिंग से भी चुनौती मिलेगी। कैप्टिव कोल माइनिंग का उत्पादन 60 मिलियन टन से बढ़कर 120 मिलियन टन पर पंहुचने का अनुमान है।

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