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नई दिल्ली, 23 फरवरी। कोयला उत्पादन और डिस्पैच के मामले में कैप्टिन कोल माइंस (Captive Coal Mines) लक्ष्य से काफी पीछे चल रही हैं। देश में 27 कैप्टिव खदानें उत्पादन में हैं, इनमें लगभग माइंस निजी क्षेत्र की हैं।

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कैप्टिव कोल माइंस को चालू वित्तीय वर्ष में 141 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है। 22 फरवरी की स्थिति में कैप्टिव माइंस से 60.91 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जा सका है। 63.04 मिलियन टन डिस्पैच हुआ है। डिस्पैच का टारगेट भी 141 मिलियन टन का है। चालू वित्तीय वर्ष को खत्म होने में केवल 37 दिन शेष हैं। एनटीपीसी सहित कुछेक कैप्टिव माइंस का ही उत्पादन बेहतर है। ज्यादातर खदानों का उत्पादन में दम निकल रहा है।

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इधर, कोल इंडिया (CIL) ने 22 फरवरी की स्थिति में 700 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले 604.50 मिलियन टन का कोयला उत्पादन कर लिया है। इसी तरह 618.15 मिलियन टन कोयला डिस्पैच किया जा सका है।

 

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