कोयला सचिव अमृत लाल मीणा के मार्गदर्शन में कोयला मंत्रालय ने मुंबई में “ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के लिए न्यायसंगत रोडमैप” विषय पर एक सेमिनार का सफलतापूर्वक समापन किया। भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत ईटीडब्ल्यूजी (ऊर्जा स्रोतों में बदलाव पर कार्य समूह) की तीसरी बैठक के उप-कार्यक्रम के रूप में यह सेमिनार जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था।

उद्घाटन सत्र भबानी प्रसाद पति, संयुक्त सचिव, कोयला मंत्रालय के स्वागत भाषण के साथ शुरू हुआ, जिन्होंने ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के संदर्भ में न्यायसंगत बदलाव के महत्व पर जोर दिया। अमृत लाल मीणा ने ऊर्जा स्रोतों में न्यायसंगत बदलाव विषय पर मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थायित्व और सामाजिक-आर्थिक विकास के बीच एक सूक्ष्म संतुलन बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने न्यायसंगत बदलाव को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यापक रणनीतियों, सहयोगी साझेदारी और मजबूत नीतिगत रूपरेखा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र के दौरान बिजली सचिव और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के सीएमडी ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। सत्र ने न्यायसंगत बदलाव से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों और अवसरों पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए मंच तैयार किया। सत्र में नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, ऊर्जा के स्रोतों तक पहुंच, रोजगार सृजन और सामाजिक समावेश जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बाद की प्रस्तुतियों में न्यायसंगत बदलाव का विवरण पेश किया गया। प्रस्तुति के बाद, एक पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें जाने-माने विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव के विभिन्न आयामों पर अपनी अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा किए। पैनल विशेषज्ञों ने गहन विचार-विमर्श किया और नवीन दृष्टिकोणों, प्रौद्योगिकी प्रगति और नीतिगत रूपरेखाओं पर चर्चा की, जो प्रभावित समुदायों और श्रमिकों की जरूरतों को पूरा करते हुए बदलाव को गति प्रदान कर सकते हैं।

कोयला क्षेत्र में सतत और पर्यावरण-अनुकूल पहलों पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया, जिसकी प्रतिभागियों ने बहुत सराहना की। सेमिनार के दौरान कोयला क्षेत्र में न्यायसंगत बदलाव के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक तौर-तरीकों पर रिपोर्ट, जैविक पुनर्प्राप्ति / वृक्षारोपण और इको-पार्क/ खान पर्यटन पर पुस्तिका एवं न्यायसंगत बदलाव पर खान तकनीक का जी20 विशेष संस्करण का भी विमोचन किया गया।

‘ऊर्जा स्रोतों में न्यायसंगत बदलाव के लिए रोडमैप’ विषय पर सेमिनार में 100 से अधिक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ, उद्योग जगत के अग्रणी प्रतिनिधि और सम्मानित शिक्षाविद् शामिल थे। इस मंच का उद्देश्य सामाजिक न्याय और समावेश सुनिश्चित करते हुए जीवाश्म ईंधन पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं द्वारा सतत ऊर्जा स्रोतों को अपनाने से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों की व्यापक समझ को बढ़ावा देना है। न्यायसंगत बदलाव रोडमैप श्रमिकों, समुदायों और उद्योगों के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत बदलाव सुनिश्चित करना चाहता है, क्योंकि दुनिया स्वच्छ और अधिक स्थायी ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की ओर आगे बढ़ रही है।

कोयला मंत्रालय; सभी प्रतिभागियों, कोल इंडिया लिमिटेड, सीएमपीडीआई, भागीदारों और हितधारकों द्वारा सेमिनार को शानदार तरीके से सफल बनाने में उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त करता है। यह आयोजन, ‘कोई पीछे न छूट जाए’ को सुनिश्चित करते हुए सतत न्यायसंगत बदलाव की दिशा में सामूहिक प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुआ।

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