पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम जॉनसन के बीच हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की थी और इस दशक में अपने संबंधों को दिशा देने के लिए हमने एक महत्वाकांक्षी “रोडमैप 2030” भी लॉन्च किया था।

पीएम मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कई मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच कुछ महत्वपूर्ण समझौते हुए। साथ ही आपसी मुक्त व्यापार समझौता संपन्न करने के लिए तेजी से आगे बढ़ने का फैसला किया।

‘रोडमैप-2030’ में नये लक्ष्य करेंगे शामिल

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक साझा प्रेसवार्ता की। मोदी ने अपने प्रारंभिक बयान में रक्षा क्षेत्र, आधारभूत ढांचे के विकास, जलवायु और ऊर्जा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देश महत्वाकांक्षी ‘रोडमैप-2030’ में आपसी सहयोग से नये लक्ष्य शामिल करेंगे। पिछले दिनों दोनों देशों ने ‘रोडमैप-2030’ तैयार किया था तथा दोनों नेताओं ने इसके क्रियान्वयन की समीक्षा की।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की थी और इस दशक में अपने संबंधों को दिशा देने के लिए हमने एक महत्वाकांक्षी “रोडमैप 2030” भी लॉन्च किया था। आज की हमारी बातचीत में हमने इस रोडमैप में हुई प्रगति को रिव्यू भी किया, और आगामी समय के लिए कुछ लक्ष्य भी तय किए।

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर हुई चर्चा

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के विषय पर दोनों देशों की टीमे काम कर रही हैं। बातचीत में अच्छी प्रगति हो रही है और हमने इस साल के अंत तक FTA के समापन की दिशा में पूरा प्रयास करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात और आस्ट्रेलिया के साथ ऐसे समझौते किय़े हैं। उसी गति से ब्रिटेन के साथ भी FTA पर आगे बढ़ना चाहेंगे।

UK की कंपनियों द्वारा भारत में निवेश का स्वागत

वहीं पीएम मोदी ने कि दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विकास आदि में ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के प्रति ब्रिटेन के समर्थन का भारत स्वागत करता है।

पीएम ने बताया कि भारत में चल रहे व्यापक सुधार, हमारे आधारभूत संरचना आधुनिकीकरण योजना औरराष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के बारे में भी हमने चर्चा की। हम UK की कंपनियों द्वारा भारत में बढ़ते निवेश का स्वागत करते हैं। और इसका एक उत्तम उदाहरण हमें कल गुजरात में हालोल में देखने को मिला।

नेशनल हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने का आमंत्रण

इस दोनों नेताओं ने ग्लासगो में आयोजित COP-26 में लिए गए संकल्पों को पूर्ण करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। पीएम ने कहा कि हमने अपनी क्लाइमेट और एनर्जी पार्टनरशिप को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया। हम UK को भारत के नेशनल हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।

100 मिलियन डॉलर का वित्तपोषण

पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच आज हुए वैश्विक नवाचार साझेदारी क्रियान्वयन समझौते को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इससे हमारी विकास साझेदारी और मजबूत होगी। इस समझौते के साथ तीसरे देशों में मेड इन इंडिया नवाचार के हस्तांतरण के लिए दोनों देशों ने 100 मिलियन डॉलर का वित्तपोषण करने का फैसला किया है। इससे टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने और जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी। समझौते से स्टार्टअप, MSME सेक्टर को नए बाजार हासिल करने में मदद मिलेगी।

हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के बारे में मोदी ने एक स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और नियम आधारित हिन्द-प्रशांत क्षेत्र कायम करने पर जोर दिया।

दौरे का आज आखिरी दिन

बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गुरुवार को दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे। उनकी यात्रा की शुरुआत गुजरात के अहमदाबाद से हुई। शुक्रवार सुबह वह राजधानी दिल्ली पहुंचे, जहां राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी ने उनका जोरदार स्वागत किया। ब्रिटेन के पीएम जॉनसन ने शानदार स्वागत के लिए पीएम मोदी का आभार जताया। इस दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।

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