नई दिल्ली, 10 नवम्बर।  वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने भारत के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की अंतिम रूपरेखा को मंजूरी दे दी है। ग्रीन बांड वित्‍तीय उपकरण हैं जिनसे पर्यावरण के लिहाज से टिकाऊ और जलवायु उपयुक्‍त परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्‍साहन मिलेगा।

इससे पैरिस समझौते के तहत स्‍वीकार किये गये राष्‍ट्रीय प्रतिबद्ध योगदान लक्ष्‍यों की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता और मजबूत होगी। इससे पात्र ग्रीन परियोजनाओं में वैश्विक और घरेलू निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऐसे बांड जारी करने से प्राप्‍त धन को सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में उपयोग किया जायेगा, जिससे अर्थव्‍यवस्‍था की कार्बन तीव्रता को कम करने में सहायता मिलेगी।

वित्‍त मंत्रालय ने कहा कि यह रूपरेखा पंचामृत के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं की पृष्‍ठभूमि में स्‍वीकार की गई है। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष नवम्‍बर में ग्‍लासगो में कॉप-26 के दौरान पंचामृत को स्‍पष्‍ट किया था।

वित्‍त मंत्रालय ने ग्रीन फाइनेंस वर्किंग कमेटी का गठन किया है। इसमें केन्‍द्र सरकार के प्रधान आर्थिक सलाहकार की अध्‍यक्षता में संबंधित मंत्रालयों का प्रतिनिधित्‍व है। परियोजनाओं के चयन और मूल्‍यांकन के साथ वित्‍त मंत्रालय को समर्थन देने के लिए वर्ष में कम से कम दो बार इस समिति की बैठक होगी।

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