अगर आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो 30 जून तक ITR जमा कर दें, नहीं तो इसके बाद दोगुना टीडीएस देना पड़ेगा। अगर किसी टैक्सपेयर ने पिछले 2 वर्षों में TDS दाखिल नहीं किया है और प्रत्येक वर्ष TDS की कटौती 50,000 रुपये से अधिक है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 1 जुलाई से ITR दाखिल करते समय अधिक शुल्क वसूलेगा।

फाइनेंस एक्ट 2021 के लागू होने के बाद TDS के नियमों में बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव नया सामान खरीदने (TDS Rules for goods purchase) और आईटीआर फाइल (TDS Rules for non ITR filers) नहीं करने वालों से जुड़े हैं।

1 जुलाई से ये नए बदलाव प्रभावी हो जाएंगे। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स सिस्टम में कई बड़े बदलाव की घोषणा की जो 1 जुलाई, 2021 से लागू हो जाएंगे।

Tax2win के को-फाउंडर और सीईओ अभिषेक सोनी ने कहा, जहां पिछले 2 वर्षों के लिए ITR दाखिल नहीं की गई है और प्रत्येक वर्ष काटा गया TDS 50,000 रुपये से अधिक है तो इसपर लगने वाला कर TDS दोगुना देना होगा।

CBDT ने वित्तीय वर्ष 2021 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 जून कर दी है। वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही के लिए TDS दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई है।

नए नियमों के अनुसार जिन लोगों ने ITR फाइल नहीं किया है उनके लिए 1 जुलाई से TDS और TCS की दरें 10 से 20 फीसदी होंगी, तो पहले 5 से 10 फीसदी थी।

Tax Connect Advisory एलएलपी के पार्टनर विवेक जालान ने कहा कि नए आयकर रिटर्न ई-फाइलिंग पोर्टल में यह जांचने के लिए एक नई सुविधा है कि व्यक्ति ने पहले रिटर्न दाखिल किया है या नहीं। नए सेक्शन 206AB के तहत, जिन लोगों ने पिछले दो वर्षों से ITR दाखिल नहीं किया है, उन्हें दोगुना TDS देना होगा।

आपको बता दें कि 1 जुलाई से 206AB सेक्शन भी लागू हो जाएगा। इसके तहत अगर किसी विक्रेता (Seller) ने लगातार 2 साल तक ITR फाइल नहीं किया है, तो यह TDS 5% हो जाएगा, जो पहले 0.10% था। यानी TDS 50 गुना अधिक देना होगा। अगर पिछले वित्त वर्ष में TDS 50 हजार रुपये से ज्यादा है तो भी टीडीएस कटौती 5% के रेट से ही होगी।

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