नई दिल्ली, 28 जनवरी। सार्वजनिक क्षेत्र की एनएमडीसी स्टील लिमिटेड (एनएसएल) के निजीकरण के लिए सरकार को कई शुरुआती बोलियां मिली हैं। निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने शुक्रवार को एक ट्वीट में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनएसएल के रणनीतिक विनिवेश के लिए सरकार को कई अभिरुचि पत्र मिले हैं। इसके साथ ही एनएसएल के विनिवेश का मामला दूसरे चरण में पहुंच गया है। सरकार इस सार्वजनिक इकाई में अपनी 50.79 प्रतिशत हिस्सेदारी के अलांवा प्रबंधकीय नियंत्रण भी बेचना चाहती है।

इसके लिए एक दिसंबर को शुरुआती बोलियां मंगाई गई थीं। इसके लिए अंतिम तारीख 27 जनवरी तय की गई थी। एनएसएल में सरकार के पास कुल हिस्सेदारी 60.79 प्रतिशत है। यह छत्तीसगढ़ के नागरनार में इस्पात विनिर्माण संयंत्र का परिचालन करती है। इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता 30 लाख टन प्रति वर्ष रहने का अनुमान है। इसके 31 मार्च तक शुरू हो जाने की संभावना है। दीपम ने कहा था कि कंपनी मामलों के मंत्रालय ने पिछले साल छह अक्टूबर को एनएमडीसी से उसके नागरनार संयंत्र को अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। अलग होने वाली इकाई को एनएसएल का नाम देने और उसे शेयर बाजारों में सूचीबद्ध करने की भी बात कही गई।

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