इंटक ने असक्षम कोयला कामगारों के आश्रितों को नौकरी देने उठाई मांग, कहा- जेबीसीसीआई क्या कर रही

राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के महासचिव एसक्यू जामा ने 10वें वेतन समझौते के तहत शारीरिक रूप से असक्षम कोयला कामगारों के आश्रितों को नौकरी देने की मांग उठाई है। इसको लेकर कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल को पत्र भेजा गया है।

SQ ZAMA, INTUC
SQ ZAMA, INTUC

नागपुर, 17 जनवरी। राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के महासचिव एसक्यू जामा ने 10वें वेतन समझौते के तहत शारीरिक रूप से असक्षम कोयला कामगारों के आश्रितों को नौकरी देने की मांग उठाई है। इसको लेकर कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल को पत्र भेजा गया है।

पत्र में कहा गया है कि, 10 अक्टूबर, 2017 को चार केंद्रीय मजदूर संगठनों के साथ हस्ताक्षरित 10वें वेतन समझौता में समावेश के बावजूद धारा 9.3.0, 9.4.0 एवं 9.5.0 के अंतर्गत पिछले 5 वर्षों से मेडिकल जांच बंद रखी गई है, जिसके कारण ऐसे सैकड़ों मजदूर जो शारीरिक रूप से कमजोर या गंभीर बीमारियों के कारण महीनों/वर्षों से कार्य करने के लिए असक्षम हैं और वेतन के अभाव में पूरा परिवार भूखमरी का शिकार हो रहा है।

ऐसे मजदूर जो ऑक्यूपेशनल डिसीसिस के अंतर्गत आने वाली बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें बहुत कठिनाइयों के साथ या बार- बार मेडिकल जांच प्रक्रिया पूरी करने पर आधा वेतन मिलता है। ऐसी स्थिति में परिवार के पालन पोषण में आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

पत्र में कहा गया है कि लगातार अनुरोध करने के बावजूद इस विषय पर सीआईएल प्रबंधन और जेबीसीसीआई द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है।

इंटक नेता ने सीआईएल चेयरमैन से मांग की है कि इस विषय पर उचित निर्णय लेते हुए यथाशीघ्र मेडिकल जांच की प्रक्रिया चालू की जाए। यथाशीघ्र कुछ नहीं होता है तो मजबूर होकर सीआईएल मुख्यालय सहित सभी अनुषांगिक कंपनियों के मुख्यालयों के समक्ष अन्य मांगों के साथ निशक्त मजदूरों द्वारा भूख हड़ताल/ आमरण अनशन एवं धरना प्रदर्शन किया जाएगा

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