नई दिल्ली, 05 फरवरी। कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा कामगारों के 11वें वेतन समझौते से जुड़े सामाजिक सुरक्षा, भत्ते इत्यादि मुद्दों को लेकर सब कमेटी गठन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इसके लिए चारों यूनियन एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक से दो- दो प्रतिनिधियों के नाम मांगे गए हैं। इधर, सब कमेटी के गठन का एचएमएस, बीएमएस के नेता विरोध कर रहे हैं तो सीटू और एटक इसके समर्थन में हैं।

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सीटू नेता और जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामनंदन ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि सब कमेटी से मुद्दों को सुलझाने में सहूलियत होती है। सब कमेटी कामगारों के मुद्दों को सामने रख इसका विश्लेषण करती है और रिपोर्ट तैयार करती है। इस रिपोर्ट को जेबीसीसीआई की फूल बेंच में रखा जाता है और वहां चर्चा कर निर्णय लिया जाता है। सब कमेटी बनना नई बात नहीं है। एक से 10 जेबीसीसीआई तक सब कमेटियां बनी हैं।

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श्री रामनंदन ने कहा कि हालांकि सब कमेटी का गठन पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन कुछ यूनियन इसके गठन की मुखालफत कर रहे थे। बाद में सभी यूनियन में आपसी सहमति होने पर सब कमेटी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। सीटू नेता ने कहा कि प्रबंधन ने अब सब कमेटी गठन करने की पहल की है तो उन यूनियन ने सहमति दी होगी, जिन्होंने पहले इसका विरोध किया था अथवा उनके विरोध को दरकिनार कर प्रबंधन सब कमेटी गठित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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