CIL Head Office
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नई दिल्ली, 05 फरवरी। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते के तहत अब तक 19 फीसदी मिनिमम गारंटीड बेनीफिट (एमजीबी) पर ही सहमति बनी है, लेकिन यह अभी लागू नहीं हो सका है। इधर, कामगारों की सामाजिक सुरक्षा, भत्तों आदि को लेकर कोल इंडिया प्रबंधन ने कवायद प्रारंभ की है।

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इसी के अंतगर्त सीआईएल प्रबंधन सब कमेटी बनाने जा रहा है। इसके चारों श्रमिक संगठन एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक से दो- दो प्रतिनिधियों के नाम मांगे गए हैं। ये नाम 10 फरवरी तक प्रेषित करने कहा गया है। इस संदर्भ में कोल इंडिया के कार्यकारी निदेशक (कार्मिक) अजय कुमार चौधरी ने चारों यूनियनों को शुक्रवार को पत्र भेजा है।
पत्र में कहा गया है कि तीन जनवरी 2023 को जेबीसीसीआइ की हुई आठवीं बैठक के 19 प्रतिशत मिनिमम गारंटी न्यूनतम गारंटीड लाभ बेनीफिट (एमजीबी) पर सहमति के बाद मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए थे। जेबीसीसीआइ की 9वीं मीटिंग के लिए जेबीसीसीआइ में शामिल सभी यूनियनों से दो- दो प्रतिनिधियों को लेकर द्विपक्षीय सब कमेटी गठित करना है। इसमें यूनियन व प्रबंधन के बराबर सदस्य होंगे। प्रबंधन की मंषा है कि सब कमेटी में सामाजिक सुरक्षा, भत्ते इत्यादि मुद्दे तय कर लिए जाएं और इसे जेबीसीसीआई के समक्ष रखा जाए।

पहले भी इस तरह की सब कमेटी का प्रस्ताव प्रबंधन ने रखा था। तब कुछेक यूनियन ने इसका विरोध किया था। एक बार फिर से प्रबंधन ने सब कमेटी गठन करने का प्रयास किया है। देखना यह होगा कि चारों यूनियन द्वारा इसके लिए अपने प्रतिनिधियों के नाम भेजे जाते है या नहीं।

यहां बताना होगा कि 3 जनवरी, 2023 को जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक में 19 फीसदी न्यूनतम गारंटीड लाभ (एमजीबी) देने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। कोल इंडिया प्रबंधन ने कोल मंत्रालय को इस हेतु सिफारिष भेजी। कोल मंत्रालय ने 10 जनवरी को 19 फीसदी एमजीबी पर स्वीकृति प्रदान करने डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (डीपीई) को प्रस्ताव प्रेषित किया। डीपीई की छूट के बगैर एमजीबी पर सहमति बना बनाई है और यही कारण है कि अब तक इसे लागू करने के लिए हरी झण्डी नहीं मिली है।

हालांकि कोयला मंत्रालय ने अपने संयुक्त सचिव भबानी प्रसाद पति को मामले को लेकर डीपीई के साथ लाइजिनिंग के लिए लगा रखा है, लेकिन अब कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।

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बहरहाल कोयला कामगारों को इसका बेसब्री से इंतजार है कि कब डीपीई 19 फीसदी एमजीबी को लागू करने अपनी मंजूरी देगा और उन्हें इसका लाभ मिलेगा।

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