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नई दिल्ली (IP News). नेशनल कोल वेल एग्रीमेंट-11 के लिए गठित जेबीसीसीआई की दूसरी बैठक का कोयला कामगारों को इंतजार है। संभवतः इस बैठक से कोयला कामगारों से जुड़े मुद्दे और वेतन समझौता पर चर्चा शुरू होगी। बताया गया है कि यह बैठक सितबंर के पहले सप्ताह में हो सकती है।

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यूनियन ने संयुक्त रूप से चार्टर ऑफ डिमांड सीआईएल प्रबंधन को सौंप रखा है। इसमें 50 फीसदी वेतनवृद्धि का मुद्दा भी सम्मिलित है। इधर, पिछले सप्ताह एचएमएस यूनियन के हवाले से कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल का एक बयान आया कि 50 प्रतिशत वेतनवृद्धि संभव नहीं है। ऐसा नहीं कर पाने की वहल वित्तीय संकट को बताया। उन्होंने यहां तक कहा कि 10 फीसदी वेतनवृद्धि भी की जाए तो कोल इंडिया पर 5,000 करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा।

सीआईएल चेयरमैन ने इस तरह का बयान देकर यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि प्रबंधन किसी भी स्थिति में 50 प्रतिषत वेतनवृद्धि के पक्ष में नहीं है। जेबीसीसीआई में यह मुद्दा ज्यादा जोर न पकड़े यह भी कोशिश की गई है। 10 प्रतिशत वेतनवृद्धि पर भी आर्थिक संकट का रोना रोकर चेयरमैन ने प्रबंधन की मंशा जाहिर कर दी है। यानी अब जेबीसीसीआई सदस्यों को 50 फीसदी वेतनवृद्धि के लिए कहीं अधिक दबाव बनाना होगा।

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यहां बताना होगा कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सीआईएल ने बेहतर प्रदर्शन किया हैं। इस अवधि में कंपनी का मुनाफा 52 फीसदी बढ़कर 2,077 करोड़ से 3,174 करोड़ पर पहुंचा है। आय भी 37 प्रतिशत बढ़कर 18,486 करोड़ से 25,285 करोड़ रुपए पर पहुंची है।

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