नीति आयोग ने “हेल्‍थ इंश्‍योरेंस फॉर इंडियाज़ मिसिंग मिडिल” पर रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग ने आज हेल्‍थ इंश्‍योरेंस फॉर इंडियाज़ मिसिंग मिडिल शीर्षक से एक व्यापक रिपोर्ट जारी की है

नीति आयोग ने आज हेल्‍थ इंश्‍योरेंस फॉर इंडियाज़ मिसिंग मिडिल शीर्षक से एक व्यापक रिपोर्ट जारी की है, जो भारतीय आबादी को सार्वभौमिक रूप से स्वास्थ्य बीमा कवरेज में आ रहे व्‍यवधानों को सामने लाने के साथ ही इस समस्‍या का समाधान भी उपलब्‍ध कराती है। इस रिपोर्ट को नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और अपर सचिव डॉक्‍टर राकेश सरवाल की उपस्थिति में जारी किया गया।

नीति आयोग के सदस्य डॉक्‍टर वी.के. पॉल ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है और कहा है कि स्वास्थ्य बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रयास में सरकार और निजी क्षेत्र को एक साथ आने की आवश्यकता होगी। डॉक्‍टर पॉल ने कहा कि गरीबी रेखा से ऊपर के प्रत्‍येक व्‍यक्ति तक पहुंचने और आकर्षक उत्पादों की पेशकश करने के लिए निजी क्षेत्र की दक्षता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता जागरूकता और विश्वास बढ़ाने, मानकीकृत उत्पाद और उपभोक्ता संरक्षण के लिए विनियमन को संशोधित करने और परिचालन दक्षता में सुधार के लिए संभावित रूप से एक मंच की पेशकश करने में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है।

नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि यह रिपोर्ट स्वास्थ्य के लिए वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के व्यापक लक्ष्य पर बातचीत को और आगे बढाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान परिदृश्य, मौजूदा व्‍यवधानों को रेखांकित करने के साथ ही स्वास्थ्य बीमा कवरेज को बढ़ाने के लिए व्यापक सिफारिशों और मार्गों को भी स्पष्ट करता है।

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