रायपुर, 27 जुलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने हसदेव के जंगल बचाने का संकल्प सर्व सम्मति से पारित किया है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह की ओर से अशासकीय संकल्प में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह हसदेव अरण्य क्षेत्र में आबंटित सभी कोल ब्लॉक को रद्द करे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जनभावनाओं को देखते हुए सरकार इस संकल्प का समर्थन करती है। संकल्प पेश करते हुए विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा, छत्तीसगढ़ में 57 हजार मिलियन टन कोयले का भंडार है। इसमें से केवल 158 मिलियन टन का उत्पादन ही प्रतिवर्ष हो रहा है। इसे बढ़ाकर 500 मिलियन टन प्रतिवर्ष भी कर देंगे तब भी अगले 50 सालों तक केवल 25 हजार मिलियन टन कोयला ही खोद पाएंगे। इसमें 13 हजार मिलियन टन कोयला भंडार हसदेव और मांड नदी के कैचमेंट क्षेत्र के आसपास स्थित है। वहां घना जंगल है। इसमें से भी 5 मिलियन टन कोयला भंडार, मिनी माता बांगो डैम के कैचमेंट एरिया में आता है। यह छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण बांध के जीवन से जुड़ा है। इससे 6 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में सिंचाई होती है। वर्तमान में हसदेव क्षेत्र में पांच ऐसे कोल ब्लॉक हैं जहां खनन नहीं हो रहा है। इनमें परसा और केते एक्सटेंसन दोनों राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आबंटित हैं।

गिदमुड़ी और पतुरिया को छत्तीसगढ़ पावर जेनरेशन कंपनी को दिया गया है। मदनपुर साउथ आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेषन को आबंटित है। हम दिल्ली सरकार से अनुरोध करते हैं कि हसदेव क्षेत्र के सभी कोल ब्लॉक जहां खनन शुरू नहीं हो पाया है उन्हें निरस्त कर दिया जाए। धर्मजीत सिंह ने कहा, सभी दलों के लोग हरिहरपुर चलकर वह जंगल देख लें। अगर वहां जाने के बाद भी आपकी इच्छा हो कि इतना खूबसूरत जंगल कट जाना चाहिए तो मैं यह कहूंगा कि ठीक है कट जाना चाहिए। आज वहां खूबसूरत वादी दिख रही है। कल खदान खुल गए तो वहां धूल धक्कड़ और अपमान के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।

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साभार : भास्कर

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