नई दिल्ली, 13 फरवरी। सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा इंटक से सम्बद्ध राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन को जेबीसीसीआई- XI में सम्मिलित किए जाने संबंधी आदेश (10 फरवरी को जारी) की प्रति पब्लिक डोमेन में आई। आदेश स्पष्ट है कि डा. संजीवा रेड्डी के नेतृत्व वाले इंटक को ही जेबीसीसीआई में एंट्री दी जाएगी।

आदेश में कहा गया है कि रेड्डी गुट के राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन ने कोयला कामगारों के वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआई- XI में शामिल किए जाने की डिमांड कोर्ट के समक्ष रखी है, न की इंटक के किसी अन्य गुट (ददई/तिवारी) ने। आदेश में यह भी साफ किया गया है कि रेड्डी गुट वाला इंटक की पूर्व की जेबीसीसीआई में प्रतिनिधित्व करता रहा है।

आदेश में श्रम और रोजगार मंत्रालय के एक ऑफिस मेमोरेंडम का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि दिनांक 4 जनवरी, 2017 के ज्ञापन द्वारा श्रम मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठकों में इंटक को प्रतिनिधित्व न देने के लिए सूचित किया है। उक्त कार्यालय ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय इंटक के किसी उद्योग में प्रतिनिधित्व के खिलाफ नहीं है। यानी कोल इंडिया की समितियों में इंटक के शामिल होने से किसी प्रकार की रोक नहीं है।

आदेश के अनुसार इंटक से सम्बद्ध राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन को जेबीसीसीआई- XI की आगामी बैठकों में भाग लेने का पूरा अधिकार होगा।

इधर, राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) द्वारा कैविएट भी दायर किया जा रहा है। हालांकि सोमवार को कैविएट दाखिल नहीं किया जा सका है। INMF के महासचिव एसक्यू जमा ने बताया कि संभवत कैविएट दाखिल करने का कार्य एक- दो दिन के भीतर कर लिया जाएगा। श्री जमा ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने स्पष्ट कर दिया है कि इंटक को जेबीसीसीआई- XI में प्रवेश देना है। उन्होंने कहा कि जेबीसीसीआई में इंटक के आने से श्रमिकों को और बेहतर तरीके से लाभ दिलाया जा सकेगा।

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