CIL Head Office
CIL Head Office

नई दिल्ली, 02 जनवरी। तीन जनवरी को कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लेकर जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक होने जा रही है। यह बैठक श्रमिक संगठनों द्वारा आंदोलन का आगाज किए जाने के बीच हो रही है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या 8वीं में बैठक मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) पर बात बन सकेगी? यदि ऐसा नहीं हुआ तो क्या 7 जनवरी को यूनियन द्वारा प्रस्तावित संयुक्त कन्वेंशन होगा?  और इसमें कामबंद हड़ताल की रणनीति बनेगी?

इस तरह के तमाम सवाल कोयला कामगारों के जहन में उठ रहे हैं। यहां बताना होगा कि एमजीबी में डीपीई की गाइडलाइन एक बड़ा रोड़ा है। डीपीई के नियमों में छूट दिए बगैर यह रोड़ा बरकरार रहेगा। इधर, यह भी कहा जा रहा है कि यदि छूट मिल भी गई तो प्रबंधन अधिकतम 15 से 18 के बीच ही एमजीबी प्रदान करने सहमत होगा। 30 नवम्बर को सीआईएल मुख्यालय में आयोजित जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक बगैर नतीजा खत्म हो गई थी। यूनियन ने अपनी मांग से नीचे आते हुए 28 फीसदी एमजीबी देने का प्रस्ताव रखा था। सीआईएल प्रबंधन 10.50 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ा। प्रबंधन ने साफ कहा कि डीपीई का ऑफिस मेमोरेंडम इससे आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देता है। डीपीई की गाइडलाइन में छूट के बगैर वेतन समझौता संभव नहीं है।

सीआईएल प्रबंधन के इस रवैये पर यूनियन ने आंदोलन ने संयुक्त रूप से आंदोलन का ऐलान किया। 9 दिसम्बर को सीआईएल सहित सभी अनुषांगिक कंपनियों के एरिया में विरोध दिवस मनाने तथा 7 जनवरी को रांची में संयुक्त कन्वेंशन किए जाने का निर्णय लिया गया। इस बीच कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी का एक बयान आया कि कोल सेक्टर में हड़ताल नहीं होने दी जाएगी। सीआईएल प्रबंधन यूनियन से बात कर हल निकालेगा। इसके बाद एपेक्स जेसीसी की हुई बैठक में 3 जनवरी को जेबीसीसीआई की बैठक के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे यूनियन ने स्वीकार किया।

एक औैर बात निकलकर आ रही है दो बडे़ यूनियन हड़ताल पर जाने के मूड में नहीं है। प्रबंधन एमजीबी पर अधिकतम जो निर्णय लेगा, इस पर उनकी सहमति होगी। बहारहाल देखना यह मंगलवार को होने वाली बैठक क्या नतीजा लेकर आती है।

  • Website Designing