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नई दिल्ली (आईपी न्यूज)। भारतीय मजदूर संघ बीएमएस ने पांच सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के निर्णय का विरोध किया है। बीएमएस के केन्द्रीय कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि केन्द्र सरकार इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, इंजीनियर्स इंडिया, एनटीपीसी, गेल, नालको जैसे बड़े उपक्रमों में भी सरकारी इक्विटी को कम करने का लक्ष्य रखा है। ये उपक्रम सरकार को टैक्स, डयूटी और लाभांश के रूप में बड़ी राशि का भुगतान करते हैं। सार्वजनिक उपक्रम देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री, विनिवेश और निजीकरण श्रमिकों, उद्योग और राष्ट्र के हित में नहीं है। बीएमएस ने बीपीसीएल वर्कर्स की 28 नवम्बर को होने वाली हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की है। प्रेस बयान में बताया गया है कि 11-13 दिसंबर, 2019 को हरिद्वार में होने वाली बैठक में पीएसयूएस निजीकरण के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयारी की जाएगी। बीएमएस सरकार से सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह करेगा।

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