कोरबा (IP News). कोयला उद्योग में तीन दिवसीय कामबंद हड़ताल की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 2, 3, 4 जुलाई को यह हड़ताल होगी। कमर्शियल माइनिंग के फैसले को लेकर श्रमिक संगठनों और कोयला कामगारोे में खासा आक्रोश है। प्रमुख पांच केन्द्रीय श्रम संगठन बीएमएस, एचएमएस, इंटक, सीटू, एटक के संयुक्त मोर्चे ने हड़ताल का आव्हान किया है।

वाणिज्यिक खनन के निर्णय को वापस लेने की मांग के अलावा हड़ताल की नोटिस में सीआईएल से सीएमपीडीआईएल को अलग करने के प्रस्ताव को वापस लेना, ठेकेदारी श्रमिकों को एचपीसी मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करना तथा एनसीडब्ल्यूए-6 के अनुसार 9.3.0 के तहत मेडिकल अनफिट कामगारों के आश्रित को नौकरी देने का मुद्दा भी शामिल है। हड़ताल को AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC आदि संगठनों का भी समर्थन मिला है। इस बार श्रमिक संगठन आर या पार की लड़ाई के मूड में है। हड़ताल को लेकर कोल इंडिया और इसकी अनुषांगिक कंपनियों में माहौल बनने लगा है। रोजाना प्रदर्शन, गेट मीटिंग और बैठकें हो रही हैं। पाॅमप्लेट वितरण और सोशल मीडिया के जरिए भी हड़ताल के पक्ष में वातावरण निर्मित किया जा रहा है।

हड़ताल से कोयला खदानों में उत्पादन और डिस्पेच पूरी तरह ठप हो जाएगा। इधर, कोयल मंत्रालय ने हड़ताल की नोटिस के बाद किसी प्रकार की बातचीत की अभी तक कोई पहल नहीं की है। एचएमएस के केन्द्रीय महामंत्री नाथूलाल पांडेय कहते हैं अब बातचीत का कोई सवाल नहीं उठता है। पांचो श्रमिक संगठन पूरी मजबूती के साथ खड़ें हैं। हड़ताल को ऐतिहासिक सफलता दिलाई जाएगी। यहां बताना होगा कि पांच श्रमिक संगठनों से कोल उद्योग के करीब 90 प्रतिशत कामगार जुड़े हुए हैं।

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