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हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन को एक और अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है। गठबंधन को बुधवार को प्रदेश में दो नगर निगमों में महापौर की सीट पर हार का सामना करना पड़ा। बीचेपी को एक नगरीय निकाय में जीत मिली। सोनीपत नगर निगम में विपक्षी कांग्रेस ने महापौर का पद जीता, जबकि पंचकूला नगर निगम में बीजेपी की जीत हुई।

अंबाला नगर निगम में कांग्रेस के बागी विनोद शर्मा की हरियाणा जन चेतना पार्टी ने जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुलभूषण गोयल ने कांग्रेस की उपिंदर कौर अहलूवालिया को 2,057 वोटों के अंतर से हराकर पंचकूला के महापौर का चुनाव जीता। गोयल को 49,860 वोट मिले, जबकि अहलूवालिया को 47,803 वोट मिले।

अंबाला में हरियाणा जन चेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा ने भाजपा की वंदना शर्मा को 7000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया। महापौर सीट के लिए कांग्रेस के निखिल मदान ने सोनीपत में बीजेपी के उम्मीदवार ललित बत्रा को 13,818 वोटों से हराया।

हालांकि रेवाड़ी नगर परिषद में अध्यक्ष पद पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। भाजपा की पूनम यादव ने निर्दलीय उपमा यादव को 2,087 मतों से हराया।

उकलाना नगरपालिका चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार सुशील साहू ने भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के उम्मीदवार महेंद्र सोनी को हराकर अध्यक्ष का चुनाव जीता।

सांपला में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार पूजा ने भाजपा उम्मीदवार को हराकर अध्यक्ष पद के लिए जीत दर्ज की।

रेवाड़ी जिले में धारूहेड़ा नगर समिति चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कंवर सिंह निकटतम प्रतिद्वंद्वी और बीजेपी उम्मीदवार संदीप बोहरा को 632 मतों से हराकर अध्यक्ष बने। सिंह को 3,048 वोट मिले, जबकि बोहरा को 2,416 और जेजेपी के मान सिंह को 1,657 वोट मिले।

पिछले महीने सोनीपत जिले की बरौदा विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार इंदु राज नरवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त को 10,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया।

रविवार को हुए नगर निकाय चुनावों में लगभग 60 प्रतिशत मतदान हुआ था। भाजपा ने रेवाड़ी की नगरपालिका परिषद के लिए अध्यक्ष उम्मीदवार के अलावा, तीनों नगर निगम सीटों पर मेयर पद के लिए उम्मीदवारों को खड़ा किया था। इसने वार्ड चुनाव भी लड़ा, लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने तीनों निगमों का मेयर चुनाव और रेवाड़ी का नगरपालिका चुनाव लड़ा।

जेजेपी के उम्मीदवारों ने अध्यक्ष पद के लिए धारूहेड़ा और उकलाना नगरपालिका क्षेत्रों में अपनी किस्मत आजमाई।

केंद्र की ओर से किसानों पर किए गए कथित अत्याचारों के विरोध में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने नगर निगम चुनावों का बहिष्कार किया था। अक्टूबर 2019 में राज्य में सत्ता में आने के बाद से बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की यह दूसरी हार है।

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