श्रीनगर सहित कश्मीर घाटी सभी 15 रेलवे स्टेशनों को अब भारतीय रेल के 6021 स्टेशनों पर उपलब्ध वाई-फाई नेटवर्क के साथ एकीकृत कर दिया गया है।

रेलवायर ब्रांड के तहत प्रदान किया गया सार्वजनिक वाई-फाई, 15 स्टेशनों (बारामूला, हमरे, पट्टन, मझोम, बडगाम, श्रीनगर, पंपोर, काकापोरा, अवंतीपुरा, पंजगाम, बिजबेहरा, अनंतनाग, सदुरा, काजीगुंड, बनिहाल) पर उपलब्ध है, जो कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के चार जिला मुख्यालयों – श्रीनगर, बडगांव, बनिहाल और काजीगुंड में स्थित हैं।

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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू के 15 स्टेशनों – कठुआ, बूढ़ी, छन अरोरियन, हीरा नगर, घगवाल, सांबा, विजयपुर, बारी ब्राह्मण, जम्मू तवी, बजल्टा, संगर, मनवाल, राम नगर – में वाई-फाई पहले से ही उपलब्ध था।

रेल मंत्रालय द्वारा रेलटेल को सभी रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक वाई-फाई प्रदान करने का काम सौंपा गया था। विजन था – रेलवे प्लेटफॉर्म को डिजिटल समावेश के प्लेटफॉर्म के रूप में बदलना। आज, वाई-फाई नेटवर्क देश भर में 6000+ रेलवे स्टेशनों में फैला हुआ है और यह दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत वाई-फाई नेटवर्क में से एक है।

इस अवसर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने संदेश में कहा, “वाई-फाई लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह ग्रामीण और शहरी भारत के बीच डिजिटल अंतर को तेजी से कम कर रहा है। रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ मिलकर भारतीय रेल, देश के प्रत्येक भाग में उच्च गति की वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज, विश्व वाई-फाई दिवस पर, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि श्रीनगर और कश्मीर घाटी के 14 स्टेशन, देश भर में 6000+ स्टेशनों को जोड़ने वाले दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का हिस्सा बन गए हैं। इसके साथ ही घाटी के सभी स्टेशनों पर अब पब्लिक वाई-फाई सुविधा उपलब्ध हो गयी है। यह डिजिटल इंडिया मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे स्थानीय लोगों को इंटरनेट की सुविधा का लाभ मिलेगा। मैं भारतीय रेल और रेलटेल की टीम की सराहना करता हूं, जिन्होंने इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल करने के लिए अथक प्रयास किये हैं।

इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए भारतीय रेल की सराहना करते हुए केन्द्रीय डोनर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा पीएमओ, डीओएई, डीओएस, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “आज वाई-फाई, समुदायों को जोड़ने में और डिजिटल अंतर को कम करने के लिए अभिनव समाधानों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। महामारी के कारण, वर्चुअल रूप से जुड़े रहने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। भारतीय रेल अपने सीपीएसयू रेलटेल द्वारा निर्मित, स्टेशन वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण अंतर को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि जम्मू और कश्मीर में कश्मीर घाटी के 15 स्टेशन अब रेलवायर वाई-फाई के साथ लाइव हैं। यह क्षेत्र और देश के लोगों के लिए एक अतिरिक्त सुविधा होगी। मैं सभी को विश्व वाई-फाई दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।”

उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट का सर्वोत्तम अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किये गए – रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई – किसी भी उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध होगा, जिसके पास केवाईसी आधारित स्मार्टफोन कनेक्शन है।

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वाई-फाई तक पहुंच न केवल समुदायों को जोड़ती है, बल्कि नवाचार और विकास के अवसरों की दुनिया भी खोलती है। इस वर्ष का विश्व वाई-फाई दिवस समारोह, डिजिटल अंतर को समाप्त करने के लिए किफायती वाई-फाई की सुविधा देने की आवश्यकता पर जोर देता है। भारत में शहरी और ग्रामीण भारत के बीच एक गहरा डिजिटल अंतर है। स्टेशनों पर रेलवायर वाई-फाई स्थानीय लोगों को इंटरनेट से जोड़ने में मदद कर रहा है, क्योंकि इस सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क के 5000 से अधिक स्टेशन ग्रामीण भारत में स्थित हैं, जहां कनेक्टिविटी अच्छी नहीं रहती है।

भारतीय रेल, देश भर के रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक वाई-फाई प्रदान करके रेलवे स्टेशनों को डिजिटल हब के रूप में बदलने की दिशा में काम कर रहा है और अब 6021 स्टेशन, रेलटेल के रेलवायर वाई-फाई के साथ लाइव हैं।

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