रायपुर, 17 जुलाई : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आज परंपरागत रूप से छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली परिवार व आमजनों संग धूमधाम से मनाया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल एवं परिजनों के साथ विधिवत रूप से ग्राम देवी-देवताओं, तुलसी माता, नांगर, कृषि उपकरणों, गेड़ी और गौमाता की पूजा कर अच्छी फसल, किसानों और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

हरेली के रंग में रंगा मुख्यमंत्री निवास 

हरेली तिहार के लिए मुख्यमंत्री निवास को पूरी तरह ग्रामीण परिवेश से सजाया गया था। जहां चारो-ओर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छटा दिख रही थी। छत्तीसगढ़ी संगीत, लोकनृत्य, पारंपरिक गड़वा बाजा, राउत नाचा, गेड़ी नृत्य, रहचुली और विभिन्न छत्तीसगढ़ी पकवानों और व्यंजनों के आनंद के साथ मुख्यमंत्री निवास में मौजूद लोग उत्साह के साथ हरेली में शामिल हुए। इसके साथ-साथ पशुधन विकास विभाग द्वारा विभिन्न डेयरी उत्पादों तथा पशु आहार पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई। परंपरागत कृषि उपकरणों का स्टॉल लोगों को खूब भाया और लोग खेती-किसानी के पुराने दिनों को याद करने लगे। इस अवसर पर लोक कलाकारों द्वारा राउत नाचा और गेड़ी चढ़कर नृत्य की प्रस्तति भी दी गई। राउत नाचा के कलाकारों के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर उनका उत्साह बढ़ाया।

नातिन के साथ मुख्यमंत्री ने रहचुली का लिया आनंद

मुख्यमंत्री आवास आज हरेली ग्राउंड मेला जैसा लग रहा था। लोक संस्कृति की अनूठी झलक दिख रही थी। मुख्यमंत्री ने अपनी बेटी और नातिन के साथ रहचुली झूले का आनंद लिया। इस दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी रहचुली का आनंद लिया।

गेड़ी चढ़कर सरपट चले मुख्यमंत्री 

छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार पर गेड़ी चढ़ने की पुरानी परंपरा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज गेड़ी चढ़कर सरपट चले और बरसों पुरानी यह परंपरा निभाई। मुख्यमंत्री उसी तरह से उत्साह और ऊर्जा से भरपूर नजर आ रहे थे। जैसे कोई किशोर हरेली के मौके पर गेड़ी चढ़कर अपनी खुशी जाहिर करता है।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के स्टॉलों का किया अवलोकन

मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हरेली तिहार में कृषि एवं पशुधन विभाग द्वारा डेयरी उत्पादों तथा परंपरागत कृषि उपकरणों पर आधारित स्टॉल लगाए गए। मुख्यमंत्री ने स्टॉलों का अवलोकन किया और किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशुधन विभाग के नवाचारी प्रयासों की सराहना की। स्टॉल में मुख्य रूप से डेयरी उत्पाद और पशु आहार रखा गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कृृषि उपकरणों के स्टॉल को देखा जहां परंपरागत रूप से कृषि व घरेलू कार्यों में उपयोग होने वाले रापा, दतारी, कोपर, ढेकी, टंगिया, सूपा, जाता, झउहा, परासी और हंसिया आदि प्रदर्शन के लिए रखे गए थे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि अच्छी पहल है। तकनीकी के इस दौर में आज के युवा भी पुरानी कृषि औजारों और उपकरणों को जान पाएंगे। उन्हें पता चलेगा कि यह केवल खेती से जुड़ा नहीं है बल्कि इसका संबंध हमारी संस्कृति और परंपरा से जुड़ी है।

इस अवसर पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास, विधायक सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, रामपुकार सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरिश देंवांगन, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, छत्तीसगढ़ राज्य उद्योग विकास निगम के अध्यक्ष नंदकुमार साय, अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा, सिरपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश जग्गी, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह सहित कृषि, संस्कृति व पशुधन विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

  • Website Designing