महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड ने एक दिन में सबसे अधिक 102 रेक कोयला भेजने का रिकॉर्ड बनाया

एमसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक पीके सिन्हा ने पर्यावरण के अनुकूल रेल-मोड के जरिए कोयले को भेजने के इस रिकॉर्ड को बनाने में शामिल टीमों की सराहना की है।

कोयला मंत्रालय के तहत एक मिनीरत्न कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ने एक ही दिन में आईबी वैली और तालचेर कोलफील्ड्स से विभिन्न विद्युत स्टेशनों तक रेल-मोड के जरिए 102 रेक के साथ अब तक का सबसे अधिक कोयला भेजने का रिकॉर्ड दर्ज किया है।

एमसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक पीके सिन्हा ने पर्यावरण के अनुकूल रेल-मोड के जरिए कोयले को भेजने के इस रिकॉर्ड को बनाने में शामिल टीमों की सराहना की है। उन्होंने कहा, “यह समान रूप से भारतीय रेलवे के बेहतर समन्वय और समर्थन के साथ, टीम एमसीएल का एक प्रभावशाली प्रदर्शन है।” उन्होंने आगे राष्ट्र की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करने के लिए टीम में सभी को बधाई दीं।

30 अगस्त, 2021 को एमसीएल के तालचेर कोलफील्ड्स से भेजे गए अब तक के सबसे अधिक 61 रेक का रिकॉर्ड दर्ज करते हुए, उपभोक्ताओं को 5.3 लाख टन कोयले की आपूर्ति की गई थी। इसमें विभिन्न विद्युत स्टेशनों को चार लाख टन से अधिक कोयले की आपूर्ति की गई।

इसके अलावा, 16 रेक एमजीआर-मोड (मेरी-गो-राउंड) के जरिए और 1.15 लाख टन से अधिक ट्रकों के माध्यम से विभिन्न उपभोक्ताओं को भेजे गए।

एमसीएल भारत की दूसरी सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है। इसका खनन परिचालन ओडिशा के झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़ और अंगुल जिलों में विस्तृत है।

सतत खनन की सोच को आगे बढ़ाते हुए, एमसीएल कुल 3,600 करोड़ रुपये की लागत से प्रदूषण मुक्त अत्याधुनिक रेक लोडिंग प्रणाली की सुविधा प्रदान करने के लिए नौ फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं को लागू कर रहा है।

इसके अलावा यह प्रति वर्ष 126 मिलियन टन कोयला भेजने की क्षमता पैदा करेगी, जिसके साल 2024 तक प्राप्त हो जाने की संभावना है।

एमसीएल 1999 में पर्यावरण के अनुकूल सतह खनन तकनीक को सामने वाली पहली कोयला कंपनी थी। 66 सतह खनिकों का सबसे बड़ा बेड़ा इस कंपनी के कुल कोयला उत्पादन में 95 फीसदी का योगदान दे रहा है।

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