नई दिल्ली, 22 जून। 11वें वेतन समझौते (NCWA- XI) के तहत कोयला कामगारों का नया वेतनमान लागू करने का आदेश जारी होते ही कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सक्रिय हो गया है। क्योंकि कोयला मंत्रालय ने अधिकारियों के पे- स्केल के अपग्रेडेशन पर कोई निर्णय नहीं लिया है।

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कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMOAI) के अध्यक्ष डीएन सिंह ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि अधिकारियों के पे- स्केल अपग्रेडेशन और कोलफील्ड्स भत्ते के प्रस्ताव को लेकर कोयला मंत्रालय ने चुप्पी साध रखी है। गुरुवार को कोल इंडिया (CIL) चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोल सेक्रेटरी अमुतलाल मीणा से मुलाकात की है। कोल सेक्रेटरी ने पे- स्केल अपग्रेडेशन को लेकर चेयरमैन को क्या निर्देश दिए हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।

श्री सिंह ने बताया कि एक- दो दिनों के भीतर कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। कोयला मंत्रालय को किसी भी स्थिति में वेतन विवाद को खत्म करना होगा।

इधर, पता चला है कि अधिकारियों का एक वर्ग वेतन विवाद के मुद्दे को न्यायालय तक लेना जाना चाहता है। इसको लेकर इस वर्ग ने आपस में चर्चा की है।

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यहां बताना होगा कि कामगारों को 19 फीसदी एमजीबी का लाभ देने से वेतन ओवरलैपिंग की स्थिति निर्मित हो रही है। इसको लेकर कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने आपत्ति दर्ज कराई थी। माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सीआईएल प्रबंधन के साथ बैठक कर महारत्न पे- स्केल पर सहमति बनाई थी। इस सहमति के आधार पर अपडेट पे- स्केल का प्रस्ताव सीआईएल ने 22 मई को कोयला मंत्रालय को भेजा गया है। कहा जा रहा था कि अधिकारियों के पे- स्केल के अपग्रेडेशन पर निर्णय लेने के बाद ही कोयला कामगारों के 19 फीसदी एमजबी को मंजूरी मिलने का मसला आगे बढ़ेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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