रायपुर, 07 जुलाई (एमएस शेख)। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने रायपुर में आयोजित विजय संकल्प रैली शिरकत कर छत्तीसगढ़ में भाजपा के चुनाव अभियान आगाज कर दिया। रैली के मंच से प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस और भूपेश सरकार को लेकर बेहद आक्रामक दिखे। उन्होंने कहा, Coal माफिया, Sand माफिया, Land माफिया… न जाने कैसे- कैसे माफिया यहां फल- फूल रहे हैं। यहां सूबे के मुखिया से लेकर तमाम मंत्रियों और अधिकारियों तक पर घोटाले के गंभीर से गंभीर आरोप लग रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ सरकार, कांग्रेस के करप्शन और कुषासन का मॉडल बन चुकी है। मोदी ने कहा, कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन पार्टी ने हजारों करोड़ रुपए का शराब घोटाला कर दिया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार को फ्रंट पर रख भूपेश सरकार को घेरने और कटघरे मेें रखने की एक टैग लाइन दे दी है। यानी आने वाले समय में भाजपा इसी टैग लाइन पर राज्य की कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेगी। हालांकि इसकी शुरुआत पहले से की जा चुकी है। भाजपा द्वारा शराब और कोयला घोटाले के आरोपों से भूपेश सरकार को घेरने का काम शुरू किया जा चुका है। पहले राज्य और अब पार्टी के केन्द्रीय नेताओं ने भी हमले शुरू कर दिए हैं।

अब सवाल यह उठता है कि कोयला और शराब घोटाले के आरोप भूपेश सरकार को घेरने के लिए काफी हैं। क्या जनता को इन आरोपों के जरिए कांग्रेस और भूपेश सरकार के खिलाफ किया जा सकता है। जानकारों की मानें तो कोयला और शराब, दोनों की मुद्दे एक सीमित दायरे के हैं। छत्तीसगढ़ एक किसान प्रधान और आदिवासी बाहुल्य राज्य है। यदि जमीनी तौर पर देखें तो भूपेश बघेल ने किसानों और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के मुद्दों को लेकर स्थानीय निवासियों में अपनी एक छवि निर्मित की है। फिर भूपेश बघेल ओबीसी वर्ग से वास्ता रखते हैं, यह जाति राज्य की राजनीति में अच्छी खासी पैठ रखती है।

दूसरा यह कि राज्य की कांग्रेस में गुटबाजी नहीं के बराबर है। टीएस बाबा कुछ नाराज जरूर थे, लेकिन उन्होंने राजस्थान के सचिन पायलट की तरह पार्टी और सरकार के खिलाफ कभी मोर्चा नहीं खोला। हाल ही में टीएस बाबा को डिप्टी सीएम का ओहदा देकर कुछ हद तक उनकी नाराजगी को दूर करने और संतुलन बिठाने का काम कर दिया गया है। राज्य में एंटी इनकंबेंसी जैसी स्थिति भी नहीं है।

पांच माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए कांग्रेस के पास फिलहाल भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के तौर पर एक फेस है। इसके विपरित भाजपा इस मामले में बाट जोह रही है। राज्य में मुख्यमंत्री बनने की चाहत रखने वाले भाजपा नेताओं की कमी नहीं है। 15 साल तक सीएम की कुर्सी संभालने वाले डा. रमन सिंह इस रेस से बाहर नजर आते हैं। माना जा रहा है कि भाजपा इस चुनाव में सीएम के चेहरे के बगैर मैदान पर उतरेगी। यदि किसी को सीएम प्रोजेक्ट किया तो गुटबाजी पार्टी को ले डूबेगी। यानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सामने रख छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ा जाएगा। शुक्रवार की विजय संकल्प रैली में इसका संकेत मिल चुका है।

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