कोरबा (IP News). नई दिल्ली या कोई और बड़े शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 200 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर को पार करते ही पुरे देश में चर्चा शुरू हो जाती है। छत्तीसगढ़ का कोरबा एक ऐसा शहर है जहां का एक्यूआई 300 से 400 के बीच बने रहता है, लेकिन इस ओर कोई संज्ञान नहीं लेता। कई बार इसका स्तर तो 400 को भी पार कर जाता है। रविवार की शाम को कोरबा शहर के खरमोरा क्षेत्र का एक्यूआई 441 रहा। कोरबा जिले के कई ऐसे इलाके हैं जहां का एक्यूआई के साथ की पीएम (पार्टिकुलेट मेटर) 2.5 एवं पीएम 10 का स्तर भी इंडियन नेशनल स्टैंडर्स से कहीं अधिक रहता है। निजी संस्था सार्थक द्वारा ग्रीन पीस व एनवायरोनिक्स ट्रस्ट के सहयोग से शहरी क्षेत्र में 14 स्थानों पर आधुनिक प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं। रविवार को इसके जरिए एक्यूआई जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं वो इस प्रकार हैं :

क्षेत्र                       AQI   PM2.5   PM 10
खरमोरा –               441    140      267
कुसमुंडा- गेवरा बस्ती-  378    152      258
गेवरा- दीपका-          378    222      306
दर्री-एनटीपीसी –        370    133      276
रविशंकर नगर –         312   132      279
बालको- परसाभाठा –   307    110     179
आरपी नगर –            243    97       156
टीपी नगर –              355   132      233
(नोट – आंकड़े 8 नवम्बर शाम 6.45 बजे के हैं)

कितना होना चाहिए एक्यूआई और पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर

देश में इंडियन नेशनल एअर क्वालिटी स्टैंडर्स बना हुआ है। इसके अनुसार 0-50 तक का एक्यूआई स्तर यानी स्थिति बहुत अच्छी है। 51-100 का स्तर संतोषजनक। 101- 200 का स्तर बताता है कि प्रदूषण बढ़ रहा है। 201- 300 का स्तर यानी स्थिति खराब। 301- 400 का लेवल बहुत खराब तथा 400 या इससे अधिक का स्तर प्रदूषण के गंभीर हालात को दर्शाता है। पीएम 2.5 का स्तर 0- 30 तक है तो वातावरण बहुत अच्छा है। 31- 60 संतोषजनक, 61- 90 प्रदूषण का दायरा बढ़ रहा है। 91- 120 खराब एवं 121- 250 बुहत खराब तथा 250 से अधिक का स्तर गंभीर स्थिति की श्रेणी में आता है। पीएम 10 का स्तर 0 से 50 बेहतर, 51- 100 संतोषजनक। 101- 250 प्रदूषण का बढ़ना, 251- 350 का स्तर खराब तथा 351- 430 का लेवल बहुत खराब। पीएम 10 का लेवल 430 के उपर हैं तो हालात गंभीर हैं।

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