धनबाद, 25 जुलाई। सोमवार को कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते में हो रही देरी सहित अन्य कोल सेक्टर के अन्य मुद्दों को लेकर सीटू (CITU) और आल इण्डिया कोल फेडरेशन ने लंबी लड़ाई का आह्वान किया।

सोमवार को इस संदर्भ में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। यह सेमीनार एनसीडब्ल्यू- XI के अंतर्गत कोयला मजदूरों के लिए वेतन समझौता में हो रही देरी, कोयला उद्योग के 160 कोयला खदानों को एनएमपी के तहत लाने, कोल इंडिया की कंपनी बीसीसीएल के 25 प्रतिशत शेयर बेचने की साज़िश और श्रम कानूनों को मालिकों के पक्ष में बदल कर मजदूरों को गुलाम बनाने वाले लेबर कोड के खिलाफ था।

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सेमिनार को संबोधित करते हुए आल इंडिया कोल फेडरेशन के नेता और जेबीसीसीआई सदस्य सुजीत भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2021- 22 में कोयला मजदूरों ने परिश्रम कर 623 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया गया। इसी वर्ष 22-23 के पहली तिमाही में कोल इंडिया के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 28.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो कि करीब 36 मिलियन टन के बराबर है। वर्ष 2021- 22 में कोल इंडिया ने 17,378 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है, लेकिन लाभ के बावजूद कोयला प्रबंधन केवल 3 प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव देकर कोयला मजदूरों का अपमान कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

सीटू के राज्य महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार पूरे पब्लिक सेक्टर का और देश की बहुमूल्य राष्ट्रीय संपदा का मेगा सेल लगा रही है। यह मोदी सरकार का राष्ट्रद्रोही क़दम है जिसका विरोध करना आज हर देशभक्त शक्तियों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार देश के किसानों ने किसान विरोधी तीन कानूनों को वापस कराया और अगले चरण के आंदोलन की तैयारी कर रहें हैं उसी प्रकार मजदूर वर्ग भी सरकार की मजदूर विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ एक बड़े और संयुक्त संघर्ष का बिगुल फुंकने के लिए तैयार हो रहे हैं।

सीटू के धनबाद जिला सचिव मानस मुखर्जी ने कहा कि आज मजदूरों को अपनी एकता को बनाए रखना है क्योंकि शासक वर्ग सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के माध्यम से मजदूरों को विभाजित करने की साजिष रच रहा है।

स्टाफ कोआर्डिनेशन के महासचिव उदय कुमार सिंह ने कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से कोयला मजदूरों के बीच एक सघन अभियान की शुरुआत की जा रही है।

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सेमिनार की अध्यक्षता डीएस षुक्ल ने की तथा संचालन उदय सिंह ने किया। सेमिनार का उद्घाटन स्टाफ कोआर्डिनेशन के संस्थापक रामानुज प्रसाद ने किया। अन्य नेताओं ने भी अपनी बात रखी।

सेमीनार के आयोजन में राजीव बोस, आशिष सिंह, महेन्द्र सिंह, जितेन्द्र महतो, डीएन सिंह, अरविन्द कुमार, राणा राजेश सिंह, विजय महतो, सुखांत नायक, अमित कुमार शरण, दीपक सरकार, रंजन बसु, सुनिल महतो, ठाकुर लाल महतो ने सहयोग प्रदान किया।

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