कोयला कामगारों की पीएफ दर में चली कैंची, सीएमपीएफ बोर्ड आफ ट्रस्टी ने लिया निर्णय

सीएमपीएफ बोर्ड आफ ट्रस्टी ने कोल इंडिया के कर्मचारियों की पीएफ दर को एक बार फिर घटा दिया है। पीएफ दर 8.5 प्रतिशत से घटाकर इस साल 8.3 प्रतिशत कर दी गई है। पीएफ पर ब्याज घाटने से कोल कर्मियों को आर्थिक नुकसान होगा।

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सीएमपीएफ बोर्ड आफ ट्रस्टी ने कोल इंडिया के कर्मचारियों की पीएफ दर को एक बार फिर घटा दिया है। पीएफ दर 8.5 प्रतिशत से घटाकर इस साल 8.3 प्रतिशत कर दी गई है। पीएफ पर ब्याज घाटने से कोल कर्मियों को आर्थिक नुकसान होगा।

दूसरी ओर विरोध के बीच दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड की 727.67 करोड़ रुपए राशि माफ कर दी गई है। सीएमपीएफ ने डीएचएफएल में 13 सौ करोड़ रुपए की राशि निवेश की थी। इस राशि में से 727.67 करोड़ रुपए माफ किया गया है। कई वर्षों तक शेष राशि जमा नहीं होने के कारण बोर्ड ने कंपनी को यह रियायत की है।

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यूनियन की ओर से बोर्ड सदस्य व एटक अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने इसका विरोध किया। कहा कि सीएमपीएफ फंड को लेकर ऐसे ही परेशान हैं। ऐसे में इतनी बड़ी राशि माफ करना गलत है। गुरुवार को हुई आन लाइन बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के चेयरमैन व कोयला सचिव डा. अनिल जैन ने की।

बैठक के बाद सीएमपीएफ आयुक्त अनिमेष भारती ने बताया कि निर्णय लिया गया कि सीएमपीएफ 2021-22 के लिए 8.3 प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान करेगा। प्रस्ताव पारित होने के बाद अंतिम निर्णय के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा।

यह भी निर्णय लिया गया कि सीएमपीएफ अपनी जमा पूंजी का दस प्रतिशत राशि इक्विटी फंड में निवेश करेगा। सीएमपीएफ में कुल पूंजी एक लाख चार हजार करोड़ है। पेंशन मद को मजबूत करने को लेकर कोयला कंपनियों से दस रुपए से बढ़ाकर 25 रुपए प्रतिटन राशि जमा करने के प्रस्ताव पर विचार किया गया।

इस प्रस्ताव को अगली बैठक में लेने का निर्णय लिया गया। सीएमपीएफ का कैंप आयुक्त कार्यालय रांची के सीसीएल मुख्यालय में शिफ्ट करने का मामला उठा। प्रबंधन को जनवरी में ही शिफ्ट करने का आदेश दिया गया था। कोयला सचिव ने तुरंत इस पर पहल करने की बात कही। कोयला कंपनियों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को सीएमपीएफ सदस्य बनाने की कोयला कंपनियों की जिम्मेवारी दी गई।

लंबे समय तक पेंशन को चलाने के लिए करीब 47 हजार करोड़ रुपए की कमी है। मौजूदा समय में 3.67 लाख ही सदस्य हैं जबकि पेंशनरों की संख्या 5.5 लाख हो गई है। पेंशन मद में जमी पूंजी को लेकर आकलन किया जा रहा है। इसके लिए कमेटी को दायित्व दिया गया है।

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2011 के पहले सीएमपीएफ फैमिली पेंशन भुगतान का मामला भी उठा। भुगतान को लेकर पोस्ट आफिस मुख्यालय का बाउचर नहीं मिलने के कारण 3.89 करोड़ राशि सीएमपीएफ में फंसा है। इस पर बोर्ड ने जांच कर भुगतान करने की अनुमति दी।

बैठक में कोयला मंत्रालय अवर सचिव एस नेगी, सहायक आयुक्त एके सिन्हा, कोल इंडिया डीपी विनय रंजन, बीसीसीएल डीपी पीवीआरकेएम राव, यूनियन की ओर से सीटू के डीडी रामानंदन, एचएमएस राकेश कुमार, बीएमएस के वाई एन सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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साभार : जागरण

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