उच्‍चतम न्‍यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश दिया

उच्‍चतम न्‍यायालय ने राजीव गांधी हत्‍याकांड के दोषी पेरारीवलन को संविधान के अनुच्‍छेद 142 के तहत रिहा करने के आदेश दिए हैं।

उच्‍चतम न्‍यायालय ने राजीव गांधी हत्‍याकांड के दोषी पेरारीवलन को संविधान के अनुच्‍छेद 142 के तहत रिहा करने के आदेश दिए हैं।

उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा कि राज्‍यपाल, अनुच्‍छेद 161 के तहत पेरारीवलन को रिहा करने की सिफारिश को बेवजह लटका नहीं सकते हैं। न्‍यायाधीश एल.नागेश्‍वर राव और बी.आर गवाई की खंडपीठ ने कहा कि तमिलनाडु राज्‍य मंत्रिमंडल ने प्रासंगिक कारणों को ध्‍यान में रखते हुए पेरारीवलन को छूट देने का निर्णय लिया।

खंडपीठ ने माना कि राज्‍य सरकार के पास ये अधिकार है कि वो राज्‍यपाल को किसी भी दोषी की सजा कम करने या रिहा करने की सलाह दे सकती है।

पेरारीवलन ने कारावास में तीस वर्ष का समय बिताया है। तमिलनाडु सरकार ने 2018 में रिहाई की सिफारिश की थी, उसके बाद निर्णय में हो रही देरी को लेकर पेरारीवलन ने न्‍यायालय का रुख किया।

पेरारीवलन को 1991 में 19 वर्ष की उम्र में राजीव गांधी और 43 अन्‍य लोगों की हत्‍याकांड में गिरफ्तार किया गया था। पेरारीवलन को उस बम की बैटरी खरीदने का दोषी पाया गया जिस का इस्‍तेमाल राजीव गांधी की हत्‍या में किया गया था ।

1999 में पेरारीवलन को मौत की सजा सुनाई गई थी। 2014 में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। इस वर्ष मार्च में उच्‍चतम न्‍यायालय ने उसे जमानत दी थी।

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