जबलपुर (IP News).  शुक्रवार को वेस्ट सेंट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन के 18वें वार्षिक अधिवेशन में आॅल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सरकार की हर नीति बड़े औद्योगिक घरानों के लिए बनाई जा रही है। महामंत्री दोहराया की निजीकरण और निगमीकरण हमें कतई मंजूर नहीं है। अगर सरकार ने कदम पीछे नहीं खींचा तो रेल का चक्का जाम करना हमारी मजबूरी होगी।

वेस्ट सेंट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने रेल अफसरों को निशाने पर लिया और कहा कि उनके तुगलकी फरमान रेल कर्मचारियों को परेशानी में डालने वाले होते हंै, जिसके खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और करते रहेंगे। श्री गालव ने भी कहा कि भारतीय रेल की पटरी पर सरकारी ट्रेन ही चलेगी। हमें 150 निजी ट्रेनें न मंजूर है और न ही इसे डब्ल्यूसीआरईयू चलने देगी। अधिवेशन में जोन के महाप्रबंधक शैलेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे।

वार्षिक अधिवेशन में आज एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा केंद्र सरकार के रवैये को लेकर पूरी तरह आक्रामक रहे। उन्होंने साफ कर दिया सरकार जो कुछ भी कर रही है उसके केंद्र बिंदु में बड़े औद्योगिक घराने हैं। मुश्किल ये है कि सरकार जिसके लिए कानून बनाती है, उसकी राय को कोई तवज्जो नहीं देती। यही वजह है कि आज दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बावजूद हजारों कियान सड़कों पर डेरा डाले हुए हैं। कहने को कृषि सुधार के लिए कानून है, लेकिन इससे किसान ही नाराज है, फिर ऐसे कानून का क्या फायदा है। श्रम कानूनों में मजदूर हितों की बात का दावा किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई ये है कि सरकार की नीयत साफ नहीं है और वो यूनियन को ही समाप्त करना चाहती है।

महामंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच जब रेल कर्मचारी देश की सेवा में लगे हुए थे। वो विपरीत हालातों में भी ट्रेनों का संचालन कर आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे थे, उस समय सरकार इन कर्मचारियों की पीठ थपथपाने के बजाए पीठ में छूरा घोंपने का काम कर रही थी। सरकार ने पहले डीए पर रोक लगाया, फिर नाइट ड्यूटी एलाउंस को रोका, तमाम तरह के एलाउंस और ओवर टाइम रोके गए। महामंत्री ने कहाकि मंहगाई भत्ता कोई चैरिटी नहीं है, सरकार मंहगाई रोकने का दावा करे, हम मंहगाई भत्ता नहीं लेंगे, लेकिन एक ओर मंहगाई आसमान छू रही है और सरकार मंहगाई भत्ते पर कैंची चला रही है। महामंत्री ने कहा कि कास्ट कटिंग के नाम पर मनमानी आदेश निकाले गए, जिसका सख्त विरोध किया गया, प्वाइंट्स मैन की ड्यूटी कम कराने का काम किया गया।

महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहाकि ये साल काफी चुनौतियों भरा रहा है। लाॅकडाउन हुआ तो किसी को पता नहीं कि कैसे ट्रेन चलाएं, लेकिन हमारे रेल कर्मचारियों ने पूरी मेहनत और जान को जोखिम में डालकर ट्रेनों का संचालन किया। श्री सिंह ने कहा िक हमारी कोशिश रहती है कि कर्मचारियों की जायज मांगे हर हाल में पूरी होने चाहिए, उन्हें किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सभी अफसरों को पहले ही निर्देशित किया जा चुका है।

वार्षिक रिपोर्ट की गई प्रस्तुत

वार्षिक अधिवेशन में महामंत्री मुकेश गालव ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट रखी। जबकि कोषाध्यक्ष इरशाद खान में आय व्यय के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा पांच महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी रखे गए, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। इस अधिवेशन को मंडल रेल प्रबंधक संजय विश्वास, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी एम आर गोयल, जोन के अध्यक्ष रवि जायसवाल, कार्यकारी अध्यक्ष नवीन लिटोरिया समेत तमाम नेताओं ने संबोधित किया।

जोनल पदाधिकारियों के चुनाव नतीजों का ऐलान

अधिवेशन के दौरान जोनल पदाधिकारियों के चुनाव नतीजों का भी ऐलान किया गया। अध्यक्ष रवि जायसवाल, कार्यकारी अध्यक्ष नवीन लिटोरिया, महामंत्री मुकेश गालव, कोषाध्यक्ष इरशाद खान, उपाध्यक्ष कपिल देव यादव, हेमंत राठौर, नवीन तिवारी, अरविंद सिंह और सहायक महामंत्री एसडी धाकड, फिलिप ओमन, सतीश सिंह चैहान, रोमेश मिश्रा, मनीष यादव, पीआर मिश्रा और संजय जैन चुने गए।

 

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