कोरबा (IP News). कोल इंडिया प्रबंधन और इसकी अनुषांगिक कंपनियों ने हड़ताल को प्रभावित करने की तैयारी शुरू कर दी है। पहले सीआईएल के चैयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने बयान जारी किया कि कमर्शियल माइनिंग से कोल इंडिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा था न ही उत्पादन और न ही लाभप्रदता पर कोई असर पड़ेगा।

इधर, सेंट्रल कोलफ़ील्ड्स लिमिटेड के जीएम (आईआर) ने सभी एरिया को पत्र जारी किया है। इसमें हड़ताल की फ़ोटो व वीडियोग्राफी कराने कहा गया है। डिसिप्लिनरी एक्शन और एफआईआर की भी चेतावनी दी गई है। सीएमपीडीआई के सीएमडी शेखर सरन ने एक अपील जारी कि है की हड़ताल राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं है। उन्होंने हड़ताल को गैर कानूनी बताते हुए कार्यवाई की बात भी कही है।

यहां बताना होगा कि कमर्शियल माइनिंग सहित अन्य मुद्दों को लेकर केंद्रीय श्रमिक संगठनों के सयुंक्त मोर्चा ने तीन दिवसीय (2, 3, 4 जुलाई) हड़ताल का नोटिस दिया है। बीएमएस, एचएमएस, इंटक, एटक, सीटू के अलावा अन्य संगठनों ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है। हड़ताल को सफल करने श्रमिक संगठनों द्वारा जोरदार तैयारी की जा रही। कमर्शियल माइनिंग को लेकर कोयला कामगारों में बेहद नाराजगी है। माना जा रहा है इस बार कोयला उद्योग में ऐतिहासिक हड़ताल होगी।

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