कोरबा (IP News). सोमवार को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक निर्मल कुमार बिजोरा ने कोरबा पूर्व और डीएसपीएम संयंत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान श्री बिजोरा ने उत्पादन और इकाइयों के रखरखाव की जानकारी ली। एमडी ने दोनों संयंत्रों के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कामकाज की समीक्षा की। प्रबंध निदेशक ने गोढ़ी और पंडरीपानी स्थित राखड़ बांध का भी जायजा लिया। बांध के रखरखाव की जानकारी लेते हुए राख की उपयोगिता बढ़ाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया।

एमडी के दौरे के दौरान कार्यपालक निदेशक एसएस कंवर, मुख्य अभियंता, डीएसपीएम एसके बंजारा, कोरबा पूर्व के प्रभारी सीई एसपी चेलकर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता द्वय एचके गुप्ता, आर लहरी, आलोक लकरा, अंजना कुजूर, कारखाना प्रबंधक एचएन कोसरिया, वरिष्ठ कल्याण अधिकारी एसपी बारले आदि मौजूद थे। श्री बिजोरा मंगलवार को हसदेव ताप विद्युत गृह का निरीक्षण करेंगे। रविवार को उन्होंने बांगो जल विद्युत संयंत्र का निरीक्षण किया था।

कोरबा पूर्व संयंत्र का अंतिम दौरा

विद्युत उत्पादन कंपनी के एमडी के तौर पर श्री बिजोरा का कोरबा पूर्व संयंत्र का अंतिम दौरा रहा। यहां बताना होगा कि कोरबा पूर्व की 120 मेगावाट क्षमता वाली 5 व 6 नम्बर की दो इकाइयां 31 दिसम्बर की रात 12 बजे उत्पादन से बाहर हो जाएंगी। प्रदूषण कारणों से इन इकाइयों रिटायर किया जा रहा है। 120 मेगावाट क्षमता वाली 5 नम्बर यूनिट मार्च 1976 में उत्पादन में आई थी। 6 नम्बर इकाई से अप्रेल 1981 से बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। दोनों यूनिट के बंद हो जाने से 240 मेगावाट बिजली कम हो जाएगी। इस संयंत्र में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों को डीएसपीएम व एचटीपीपी स्थानांतरित किया जा रहा है। इसके पहले कोरबा पूर्व की 50 मेगावाट क्षमता वाली चार (क्रमांक 1 से 4) इकाइयां बंद हो चुकी हैं।

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