दुनिया की सबसे बड़ी कोल माइनिंग कंपनी कोल इंडिया (CIL) ने मंगलवार को बताया कि वह कॉस्ट को घटाने के लिए अगले 5-10 वर्षों तक प्रत्येक वर्ष 5 प्रतिशत वर्कर्स को कम करेगी। अभी कंपनी के वर्कर्स की संख्या लगभग 2,72,000 है। मार्च क्वार्टर का रिजल्ट घोषित करने के एक दिन बाद कंपनी ने बताया कि वह घाटे वाली माइंस को बंद करने की भी तैयारी कर रही है।

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कोल इंडिया के पास 158 अंडरग्राउंड माइंस हैं और इनमें कंपनी की वर्कफोर्स का 43 प्रतिशत काम करता है। ये माइंस इसके कुल प्रोडक्शन में लगभग 5 प्रतिशत का योगदान देती हैं।

कंपनी ने कहा कि नुकसान वाली माइंस को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जा रहा है। ऐसी 11 अंडरग्राउंड माइंस से प्रोडक्शन पहले ही रोक दिया गया है।

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कॉस्ट पर नियंत्रण करने के लिए कंपनी ग्रीनफील्ड प्रोजक्ट्स पर जोर देगी।

CIL का मार्च में समाप्त हुए क्वार्टर में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 0.8 प्रतिशत घटकर 4,588.96 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वर्ष के इसी क्वार्टर में कंपनी का प्रॉफिट 4,655.76 करोड़ रुपये का था।

कंपनी के बोर्ड ने पिछले फाइनेंशियल ईयर के लिए 3.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के फाइनल डिविडेंड की अनुमति दी है।

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कंपनी को पिछले कुछ वर्षों से प्रोडक्शन बढ़ाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इस वजह से यह कॉस्ट घटाने और प्रोडक्शन में सुधार की कोशिशें कर रही है।

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