सिंगरौली (IP News). शुक्रवार को कोल इंडिया लिमिटेड की अग्रणी अनुषंगी कम्पनी एनसीएल के सीएमड प्रभात कुमार सिन्हा ने मध्य प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात की और कोविड के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार की लड़ाई को मजबूती देने हेतु 10 करोड़़ की सहायता राशि प्रदान की। इस मुलाकात के दौरान एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) बिमलेन्दु कुमार भी उपस्थित रहे।

कोविड-19 के आलोक में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए एनसीएल ने निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत मध्य प्रदेश सरकार के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को 10 करोड़ की धनराशि प्रदान की है। एनसीएल के इस सहयोग से भोपाल, इंदौर, रीवा, जबलपुर और सागर में संचालित मेडिकल कॉलेजों में 1500 एलपीएम क्षमता के पाँच पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। एनसीएल की इस पहल से राज्य की कोविड के खिलाफ मुहिम को मजबूती मिलेगी।

बैठक के दौरान सीएमडी एनसीएल श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री को मध्य प्रदेश में संचालित एनसीएल की कोयला परियोजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर श्री सिन्हा ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली परिक्षेत्र व आस पास के जिलों में एनसीएल द्वारा सीएसआर के अंतर्गत किए गए विभिन्न कार्यों का ब्योरा विस्तार से रखा और कोविड महामारी के खिलाफ किए गए एनसीएल के प्रयासों से भी उन्हें अवगत कराया।

साथ ही सीएमडी एनसीएल ने मुख्यमंत्री से सिंगरौली जिले में माइनिंग एवं मेडिकल कालेज खोलने एवं निर्माणाधीन हवाई अड्डे को शीघ्र पूरा कराने का भी आग्रह किया।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड महामारी जनित विषमतम परिस्थितियों के बावजूद राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनसीएल की प्रतिबद्धता व इसके योगदान की सराहना की और साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार की ओर से एनसीएल को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।

कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एनसीएल ने पूर्व में भी मध्य प्रदेश सरकार को रु 20 करोड़ का अंशदान दिया था। इसी वर्ष एनसीएल ने सिंगरौली जिला प्रशासन को कोविड के खिलाफ लड़ने एवं मेडिकल व्यवस्था का विस्तार करने के लिए 7 करोड़ से अधिक की सहायता की है। कम्पनी ने कर्मियों सहित सिंगरौली, मध्यप्रदेश एवं सोनभद्र, उत्तरप्रदेश के निवासियों के लिए अपने दो चिकित्सालयों में 600 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर रही है। एनसीएल ने अपने कर्मियों के अलावा सिंगरौली परिक्षेत्र के गांवों में रहने वाले लगभग 1 लाख से अधिक लोगों तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाईं है। इसके तहत गांवों व सार्वजनिक स्थानो का सैनिटाइजेशन, राशन किट, मास्क, सैनिटाइजर, मेडिकल किट व चिकित्सा उपकरण इत्यादि के वितरण के साथ ही संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक मजबूत बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया है। एनसीएल ने अपनी परियोजनाओं में सर्व सुविधायुक्त कोविड सेंटर स्थापित किए हैं जिनसे स्थानीय लोग लाभांभित हुए है।

एनसीएल ने एम्स भोपाल में ऑक्सीजन प्लांट के लिए भी दिया 1.75 करोड़

साथ ही कम्पनी ने अपने सीएसआर मद से कोविड-19 पीड़ित रोगियों के उपचार एवं बचाव के लिए एम्स, भोपाल में भी एक ऑक्सीजन जेनरेटिंग प्लांट की स्थापना हेतु 1.75 करोड़ की सहायता राशि दी है।

मध्य प्रदेश में चल रही एनसीएल की प्रमुख सीएसआर परियोजनाएं

उल्लेखनीय है कि पिछले 7 वर्षों में एनसीएल ने अपने सीएसआर मद में से लगभग 500 करोड़, मध्य प्रदेश राज्य में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय किया है द्य इसके तहत बुनियादी ढांचे का विकास, सड़कों के माध्यम से कनेक्टिविटी में सुधार, जल आपूर्ति, कौशल विकास, स्वास्थ्य संरक्षा, शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।

पिछले वित्त वर्ष( 2020-21) में ही एनसीएल ने मुख्यतः सिंगरौली तथा कुछ अन्य जिलों के समग्र विकास के दृष्टिगत सीएसआर मद से विविध 97.45 करोड़ खच किया है जिसमें हवाई अड्डे का विकास, दिव्यांगजनों के लिए स्कूल सह छात्रावास का निर्माण एवं संचालन, सिंगरौली जिले में लगभग 30 किलोमीटर सड़कों का निर्माण तथा लगभग 15 ग्राम पंचायतों की कनेक्टिविटी में सुधार, सिंगरौली जिले के 175 विद्यालयों में पुस्तकालय की स्थापना, श्प्रोजेक्ट फुलवारीश् के अंतर्गत सिंगरौली में 75 गांवों में ग्रामीण शिशु गृहों को स्थापना, जयंत में अत्याधुनिक खेल अकादमी व एनसीएल मुख्यालय में खनन कौशल केंद्र की स्थापना, सिंगरौली जिले में 25 आंगनबाड़ियों का निर्माण, ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु मुड़वानी डैम का विकास और एनसीएल के आसपास के गांवों के लिए 05 मोबाइल चिकित्सा इकाइयों का प्रावधान इत्यादि प्रमुख हैं।

एक जिम्मेदार सार्वजनिक उपक्रम होने के क्रम में एनसीएल ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में मध्य प्रदेश शासन को रु. 1484.71 करोड़ रॉयल्टी के रूप में एवं रु. 461.96 करोड़ एमएमडीआर रॉयल्टी फंड के रूप में भुगतान किया है।

गौरतलब है कि एनसीएल भारत सरकार की एक मिनीरत्न कंपनी है जिनसे वित्त वर्ष 2020-21 में 115.04 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है। इसमें से लगभग 85 प्रतिशत उत्पादन सिंगरौली में स्थित खदानों से किया गया है। एनसीएल, राष्ट्र के कोयला उत्पादन में 15 प्रतिशत तथा कुल बिजली उत्पादन में लगभग 10 प्रतिशत का योगदान देती है। दस उच्च मशीनीकृत खदानों से सुसज्जित एनसीएल ने अपनी स्थापना से अभी तक लगभग 2.47 करोड़ पौधे लगाए हैं, एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर कार्य करते हुए नेट जीरो एनर्जी कंपनी बनने की दिशा में अग्रसर है।

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