bhupendra yadav labour minister
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नई दिल्ली, 23 अगस्त। मंगलवार को भारतीय मजदूर संघ (BMS) के प्रतिनिधिमंडल ने नई श्रम संहिताओं (New Labour cODE) में संशोधन, पीएफ तथा ईएमआई से संबंधित विषयों को लेकर केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ नई दिल्ली में बैठक की।

इस प्रतिनिधिमंडल मेंं बीएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरान्मय पांड्या, उपाध्यक्ष एस मल्लेशम सहित साजी नारायणजी, पवन कुमार और जयप्रकाश कौशिक सम्मिलित थे।

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इस संदर्भ में हिरान्मय पांड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि बीएमएस कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी तथा वेतन संहिता का स्वागत करता है, लेकिन इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (Industrial Relations Code) के अनेक प्रावधानों पर वह सहमत नहीं है जैसे कि Fixed Term Employment का संघ आरंभ से विरोध कर रहा है।

श्रम संहिताओं में सरकार ने जो थ्रेसोल्ड लिमिट को 100 से 300 किया है तथा कांट्रेक्चुअल एवं फैक्ट्री एक्ट में भी जो थ्रेमोल्ड लिमिट को बढ़ाया है, उसका भी संगठन ने विरोध किया है।

ट्रेड यूनियन के गठन एवं चुनाव इत्यादि प्रक्रियाओं से संबंधित जो प्रावधान इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड में किए गए हैं उनसे संगठन सहमत नहीं है। यह प्रावधान न केवल श्रमिकों के हितों का हनन करते हैं अपितु प्रबंधकों के एकतरफा एवं मनमाने क्रियाकलापों की भी पैरवी करते हैं। किसी भी यूनियन के बारगेनिंग फोरम होने की जिस दो तिहाई की सीमा पर पहले की बैठकों में सहमति बन चुकी थी। उस पर भी सरकार ने रोलबैक करते हुए कम कर दिया है।

श्री पांड्या ने बताया कि इस पर संगठन ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई हे। किसी भी यूनियन के नगोशिएटिंग बॉडी होने या सोल नेगोशिएटिंग बॉडी होने के प्रावधानों पर जो पहले सहमति बन चुकी थी उस पर कायम रहने के लिए सरकार से आग्रह किया गया है।

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भारतीय मजदूर संघ ने इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड के उन प्रावधानों पर सख्त आपति जताई जिसमें किसी भी फैक्ट्री या एस्टेब्लिशमेंट के अलग- अलग विभागों को अलग इकाई मान लिया गया है। इस नियम के लागू होने तथा लिमिट बढ़ाने में देश का तकरीबन 99 प्रतिषत कर्मचारी, मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएगा और उन्हें श्रम संहिता के अंतर्गत किसी भी प्रकार का सुरक्षा कवच नहीं मिलेगा। इसलिए संघ ने एस्टेब्लिषमेंट की परिभाषा में संशोधन करने की मांग रखी है।

संघ ने नई यूनियन के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में अनावश्यक बाधाएं खड़ी करने का भी विरोध किया तथा उन प्रावधानों में आवश्यक संशोधन हेतु अपने सुझाव दिए। बीएमएस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने आश्वासन दिया कि वह भारतीय मजदूर संघ की चिंताओं से पूरी तरह अवगत है और इस बारे में जो भी जरूरी होगा उसे लागू किया जाएगा।

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